
PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovary Disorder) आजकल की युवा और वयस्क महिलाओं में बेहद आम हार्मोनल समस्या बनती जा रही है। इसका असर मासिक धर्म चक्र, त्वचा, वजन, मानसिक स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। हालांकि, सही जीवनशैली और योग को अपनाकर इस परेशानी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
यहाँ हम बता रहे हैं कुछ प्रमुख योगासन और प्राणायाम, जो PCOS/PCOD से राहत और हार्मोनल संतुलन लाने में अत्यंत प्रभावी हैं।
1. बद्ध कोणासन (Butterfly Pose)

लाभ:
- पेल्विक फ्लो खोलता है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है
- ओवरी को एक्टिव करता है
- पीरियड्स के दर्द को कम करता है
- तनाव और चिंता से राहत दिलाता है
कैसे करें:
जमीन पर बैठें, दोनों पैरों के तलवे मिलाएं और घुटनों को तितली की तरह ऊपर-नीचे करें। पीठ सीधी रखें और गहरी सांस लें।
2. सेतुबंधासन (Bridge Pose)

लाभ:
- थाइरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है
- हार्मोनल संतुलन सुधारता है
- मस्तिष्क को ऑक्सीजन पहुंचाकर तनाव घटाता है
कैसे करें:
पीठ के बल लेटें, घुटने मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ें। कूल्हों को ऊपर उठाएं और 15-20 सेकंड तक होल्ड करें।
3. बालासन (Child Pose)

लाभ:
- मानसिक तनाव और थकान दूर करता है
- पाचन तंत्र सुधारता है
- पीठ दर्द में राहत
- गर्भधारण की संभावना बढ़ाता है
कैसे करें:
वज्रासन में बैठें, सांस लेते हुए आगे झुकें और हाथ सामने की ओर फैलाएं। माथा ज़मीन से टच कराएं और गहरी सांस लें।
4. धनुरासन (Bow Pose)

लाभ:
- ओवरी और गर्भाशय की कार्यक्षमता को उत्तेजित करता है
- पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है
- किडनी डिटॉक्स में सहायक
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है
कैसे करें:
पेट के बल लेटें, घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को पकड़ें। सांस लेते हुए छाती और जांघें ऊपर उठाएं। 15-20 सेकंड तक रुकें।
5. नाड़ी शोधन प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)

लाभ:
- हार्मोनल असंतुलन को ठीक करता है
- मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता लाता है
- नर्वस सिस्टम को शांत करता है
- इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है
कैसे करें:
एक नासिका से सांस लें (अनुलोम), फिर दूसरी से बाहर निकालें (विलोम)। इस प्रक्रिया को 5–10 मिनट तक दोहराएं।
PCOS में योग क्यों जरूरी है?
- हार्मोनल असंतुलन को नैचुरल तरीके से संतुलित करता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करता है
- तनाव और चिंता को नियंत्रित करता है
- पीरियड्स को नियमित करता है
महत्वपूर्ण सुझाव:
- योग को रोज़ाना कम से कम 30 मिनट करें
- शुरुआत योग शिक्षक की निगरानी में करें
- पर्याप्त नींद और संतुलित आहार के साथ योग का प्रभाव और बढ़ता है
- हार्मोनल दवाओं के साथ डॉक्टर की सलाह जरूर लें