सावन 2025 में दिल्ली के इन 5 प्राचीन शिव मंदिरों के करें दर्शन, पूरी होंगी मनोकामनाएं

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र और शुभ समय माना जाता है। इस वर्ष सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है और पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो इस अवसर पर कुछ खास और पौराणिक शिव मंदिरों के दर्शन ज़रूर करें, जहां श्रद्धालु वर्षों से आस्था और विश्वास के साथ पूजा करते आ रहे हैं।

नीचे बताए गए ये पांच प्रसिद्ध शिव मंदिर न केवल ऐतिहासिक हैं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और मनोकामना पूर्ति के लिए भी विशेष माने जाते हैं।

1. गुफा वाला शिव मंदिर – चाणक्यपुरी

दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है। यहां स्थित शिवलिंग के दर्शन से मानसिक शांति मिलती है और ध्यान लगाने वाले साधकों के लिए यह जगह बहुत खास है। सावन में यहां विशेष रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया जाता है।

2. नीलकंठ महादेव मंदिर – जनकपुरी

जनकपुरी के मीनाक्षी गार्डन में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के नीलकंठ रूप को समर्पित है। सावन के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए आते हैं। यह मंदिर अपनी चमत्कारी ऊर्जा और भक्तों 3. प्राचीन शिव मंदिर – कालकाजी

कालकाजी स्थित यह शिव मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ बताया जाता है। यहां दर्शन करने से रोग, भय और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। सावन में इस मंदिर की महिमा और भी बढ़ जाती है और दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

4. उग्रसेन की बावली शिव मंदिर – कनॉट प्लेस

दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास स्थित उग्रसेन की बावली के समीप बना यह मंदिर प्राचीनता और पवित्रता का प्रतीक है। बावली की रहस्यमयी बनावट के साथ शिव मंदिर की भक्ति यहाँ का वातावरण अत्यंत आध्यात्मिक बना देती है।

5. बाबा बड़ेश्वर महादेव मंदिर – बवाना

बवाना स्थित यह मंदिर दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में है, लेकिन सावन में यहां विशेष मेले और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है। स्थानीय मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है, विशेष रूप से सावन के सोमवार को।

सावन में क्यों करें शिव मंदिरों के दर्शन?

  • जीवन में शांति और समृद्धि आती है
  • रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
  • आत्मिक बल और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है

टिप्स: शिव मंदिर दर्शन करते समय ध्यान रखें

  • मंदिर में जलाभिषेक के लिए गंगाजल या शुद्ध जल का उपयोग करें
  • बेलपत्र, धतूरा, और सफेद फूल भगवान शिव को चढ़ाएं
  • ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें
  • मंदिर परिसर में साफ-सफाई और अनुशासन बनाए रखें

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