
जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती-2023 में नियुक्ति पत्र जारी करने पर लगी अंतरिम रोक को हटा लिया है। इसके साथ ही अदालत ने विवादित प्रश्न-उत्तरों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश बबीता बाई बैरवा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अदालत न तो विषय विशेषज्ञ है और ना ही विशेषज्ञ की तरह काम कर सकता है। याचिकाकर्ताओं ने लिखित परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाया है। याचिकाकर्ता सिर्फ अंतिम उत्तर कुंजी से सहमत नहीं है। वहीं अंतिम उत्तर कुंजी जारी करने से पूर्व सवालों का विषय विशेषज्ञों से परीक्षण कराया गया है। ऐसे में विवादित प्रश्नों के उत्तरों पर फिर से विचार करने के लिए नई विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का कोई औचित्य नहीं है।
याचिकाओं में कहा गया कि राज्य सरकार ने सूचना सहायकों के 3415 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। जिसकी लिखित परीक्षा 21 जनवरी, 2024 को हुई और प्रथम उत्तर कुंजी 2 फरवरी, 2024 को जारी की गई। वहीं अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगकर एक जुलाई को परिणाम घोषित किया गया और अंतिम उत्तर कुंजी भी जारी की गई। याचिका में कहा गया कि उत्तर कुंजी में कुछ सवालों के जवाब गलत जांचे गए। जिसके चलते याचिकाकर्ताओं के अंक कम आए और वे चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए। इसलिए विवादित प्रश्नों की जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाए। जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि चयन बोर्ड ने अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगकर उनका विशेषज्ञों से परीक्षण करवाकर अंतिम उत्तर कुंजी जारी की थी। ऐसे में अदालत विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर दखल नहीं दे सकती है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाओं को खारिज करते हुए पूर्व में नियुक्ति पत्र जारी करने लगी रोक को हटा दिया है
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