दिल्ली : न वेतन मिलती है न सुरक्षा! फिर भी जान को खतरे में डालकर करत हैं ड्यूटी

नई दिल्ली। गोताखोर अपने जीवन का जोखिम उठाकर बिना सुरक्षा उपकरणों और वेतन के जहरीले नालों और प्रदूषित यमुना नदी में डूबने वालों की जान बचाने और शव निकालने का काम कर रहे हैं। इस साल अब तक, इन गोताखोरों ने 102 शवों को सुरक्षित निकाला है, जिनमें से 27 शव जहरीले नालों से और 75 शव यमुना नदी से बरामद किए गए हैं।

इन गोताखोरों की टीम में 15-16 सदस्य हैं, जो बिना मास्क, ऑक्सीजन और किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था के खतरनाक जलाशयों में डूबे शवों को निकालते हैं। इनका यह कार्य पूरी तरह से स्वैच्छिक है और सरकारी या प्रशासनिक मदद से इन्हें कोई सहायता या वेतन नहीं मिल रहा है।

बिना किसी सुविधा के, ये गोताखोर अपनी जान जोखिम में डालकर डूबने से पहले या बाद में फेंके गए शवों को खोज निकालते हैं, जिससे मृतक के परिजन अंतिम संस्कार कर सकें और पुलिस की जांच में मदद मिल सके।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

बद्रीनाथ मंदिर गेट पर फोटो को लेकर श्रद्धालुओं में भिड़ंत जो लोकसभा जीतता है विधानसभी जीतता है संसद का मानसून सत्र 21 जुलाईव से होगा शुरु रिलीज से पहले जानकी फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज हरियाणा रोडवेज बस के सामने लहराई पिस्तौल…