
मंडी (हिमाचल प्रदेश) : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले समेत कई इलाकों में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के चलते अब तक कम से कम 37 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान दर्ज किया गया है।
बादल फटा, कई घर और वाहन बह गए
स्थानीय लोगों के अनुसार, तेज बारिश के बाद अचानक बादल फटा, जिससे कई घर और वाहन बह गए। एक निवासी ने बताया, “बादल फटने के बाद सब कुछ बह गया। हम अपने रिश्तेदारों के घर पर शरण लिए हुए हैं।”
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राजस्व विभाग ने पुष्टि की है कि अब तक 400 करोड़ से अधिक की क्षति का आंकलन हुआ है। विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मंडी का थुनाग उपखंड है, जहां खोज, बचाव और राहत अभियान युद्ध स्तर पर जारी हैं।
IMD ने 7 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बुनियादी सेवाएं बाधित: 250 सड़कें बंद, 700 जल योजनाएं प्रभावित
- राज्य भर में 250 से अधिक सड़कें बंद हैं।
- 500 से ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर (DTR) काम नहीं कर रहे।
- 700 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।
- बिजली, पानी, और संचार व्यवस्था भी प्रभावित है।
वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्यों में जुटे
पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मंडी में कैंप कर राहत व बहाली कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं।
जलवायु परिवर्तन का असर
डीसी राणा ने कहा, “ये घटनाएं बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम हैं। हिमाचल प्रदेश भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है।” उन्होंने बताया कि वास्तविक नुकसान का पूरा आंकलन करने में कुछ समय लगेगा।