सार्थक होंगे जनता के 800 करोड़, जेपीएनआईसी का होगा कायाकल्प…योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

LDA को सौंपी गई जिम्मेदारी

लखनऊ | सालों से बंद और जर्जर हालत में खड़ी जेपीएनआईसी (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) की इमारत को अब नया जीवन मिलेगा। योगी सरकार ने जनता के हित में बड़ा फैसला लेते हुए इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने की मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में जेपीएनआईसी को लेकर अहम प्रस्ताव पारित किया गया। इसके तहत समाजवादी पार्टी सरकार में बनी ‘जेपीएनआईसी सोसायटी’ को भंग कर दिया गया है। अब LDA इस परियोजना का संचालन, रखरखाव और पुनः उपयोग सुनिश्चित करेगा।

800 करोड़ में बना, वर्षों से पड़ा था बंद

जेपीएनआईसी को सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कराया गया था। इसे राजधानी लखनऊ में राजनीतिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र बनाने की परिकल्पना थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद यह इमारत वर्षों तक वीरान और उपेक्षित पड़ी रही।

200 करोड़ में दोबारा होगा उपयोग लायक

प्राधिकरण के जानकारों के मुताबिक, इमारत की मरम्मत, साज-सज्जा और संचालन के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इस राशि से इसे एक आधुनिक और बहु-उपयोगी संस्थान के रूप में फिर से खड़ा किया जाएगा।

विवादों में रहा है जेपीएनआईसी

जेपीएनआईसी लंबे समय से राजनीतिक विवादों और आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र रहा है। कभी इसका उपयोग सपा की नीतियों के प्रचार-प्रसार के लिए होने के आरोप लगे, तो कभी निर्माण में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाए गए।

अब योगी सरकार के इस फैसले से न सिर्फ जनता के 800 करोड़ रुपये की पूंजी को बचाया जा सकेगा, बल्कि राजधानी को एक नई बहुद्देशीय सुविधा भी मिल सकेगी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

बद्रीनाथ मंदिर गेट पर फोटो को लेकर श्रद्धालुओं में भिड़ंत जो लोकसभा जीतता है विधानसभी जीतता है संसद का मानसून सत्र 21 जुलाईव से होगा शुरु रिलीज से पहले जानकी फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज हरियाणा रोडवेज बस के सामने लहराई पिस्तौल…