मुजफ्फरनगर : ढाबे वाला ‘गोपाल’ निकला ‘तजम्मुल’, पैंट उतार चेकिंग पर भड़के थे ओवैसी, अब तजम्मुल ने खुद बताई सच्चाई

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में धार्मिक पहचान को लेकर एक नए विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्मा दिया है। ढाबे पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने पहले खुद को ‘गोपाल’ बताते हुए पैंट उतारकर पहचान जांच की घटना को अंजाम दिया था, जिसे बाद में उसकी असल पहचान ‘तजम्मुल’ के रूप में उजागर हुई। इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेताओं ने तीखे हमले किए थे, लेकिन अब तजम्मुल ने खुद अपनी पहचान सार्वजनिक कर दी है।

टाइम्स नाउ नवभारत ने तजम्मुल से बात की, जिसने अपने आधार कार्ड की तस्वीर भी साझा की है। उसने बताया कि उसे खुद को गोपाल बताने के लिए मजबूर किया गया था, और नेमप्लेट विवाद को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इस घटना ने धार्मिक पहचान और पहचान जांच के मुद्दे को फिर से गरम कर दिया है।

इसी बीच, कांवड़ यात्रा के दौरान भी धार्मिक पहचान को लेकर विवाद सामने आया है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे-58 पर स्थित ढाबों और होटलों की नामकरण को लेकर तनाव पैदा हुआ है। योग साधना यशवीर आश्रम के महंत स्वामी यशवीर जी महाराज ने मार्ग पर स्थित ढाबों पर स्पष्ट नेम प्लेट लगाने का अभियान शुरू किया है, ताकि हर स्थान पर मालिक और स्टाफ की धार्मिक पहचान साफ-साफ दिखाई दे सके।

विवाद का नया मोड़:

स्वामी यशवीर की टीम ने एक ढाबे पर पहुंच कर संचालक की धार्मिक पहचान का सवाल उठाया और आरोप लगाया कि “पंडित जी वैष्णो ढाबा” नामक होटल में अधिकांश कर्मचारी मुस्लिम हैं, जो खुद को हिंदू बताकर काम कर रहे हैं। जांच के दौरान, कथित तौर पर एक कर्मचारी का पैंट उतरवाने का प्रयास भी किया गया, जिससे तनाव और अधिक बढ़ गया।

इस घटना की निंदा विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने की है। असदुद्दीन ओवैसी और समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एस.टी. हसन ने इसे धार्मिक असहिष्णुता की मिसाल बताते हुए स्वामी यशवीर पर निशाना साधा। ओवैसी ने इसे कश्मीर के पहलगाम जैसी घटनाओं से तुलना की और कहा कि यह देश में सांप्रदायिक विष फैलाने का प्रयास है।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद की नेतृ साध्वी प्राची ने स्वामी यशवीर का समर्थन करते हुए कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू नाम और देवी-देवताओं से इतना लगाव रखते हैं, तो उन्हें सनातन धर्म अपना लेना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर ढाबे पर स्पष्ट नेम प्लेट होनी चाहिए ताकि किसी भी भ्रम या धोखाधड़ी से बचा जा सके।

साध्वी प्राची ने इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी और एसटी. हसन के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग देश में गंदी सोच और सांप्रदायिक विष फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पहले हिंदुओं के नाम पर हत्याएं हुईं और बहनों की मांगें उजाड़ दी गईं, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे कदम से अब इसका जवाब मिल रहा है।

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