
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया फिलहाल मुश्किल हालात में नजर आ रही है। बर्मिंघम में खेले जा रहे इस टेस्ट की पहली पारी में भारत ने 5 विकेट पर 310 रन बनाए हैं। भले ही शुभमन गिल ने शानदार शतक लगाकर पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
बदले गए खिलाड़ी, बदला नहीं प्रदर्शन
इस मैच में भारत ने टीम में बदलाव करते हुए शार्दुल ठाकुर की जगह नितीश कुमार रेड्डी को मौका दिया, लेकिन यह दांव भी टीम के हक में नहीं गया। नितीश रेड्डी बल्ले से बिल्कुल भी योगदान नहीं दे सके और सिर्फ छह गेंदों पर एक रन बनाकर क्रिस वोक्स की गेंद पर पवेलियन लौट गए।
नितीश रेड्डी का रिकॉर्ड सवालों के घेरे में
नितीश कुमार रेड्डी को भले ही उभरता हुआ ऑलराउंडर माना जा रहा हो, लेकिन उनके अब तक के प्रदर्शन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक शतक जरूर जमाया था, लेकिन उसके बाद से उनका बल्ला लगातार खामोश है।
- शतक के बाद से उनका स्कोर कुछ यूं रहा है:
- दूसरी पारी (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ): 1 रन
- अगला टेस्ट (सिडनी): 0 और 4 रन
- अब इंग्लैंड के खिलाफ: 1 रन
यानी शतक के बाद रेड्डी अब तक चार पारियों में सिर्फ 6 रन ही जोड़ सके हैं। ये आंकड़े उनके टेस्ट करियर की गंभीर खामियों की ओर इशारा करते हैं।
टीम इंडिया बैकफुट पर, दूसरी पारी में जरूरत होगी रेड्डी से जवाब की
टीम इंडिया की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अब सभी की निगाहें दूसरी पारी में रेड्डी के प्रदर्शन पर रहेंगी। जिस समय उन्हें क्रीज पर टिककर खेलना था, वे दबाव झेल नहीं पाए। अगर वह इस बार भी फेल होते हैं, तो टीम मैनेजमेंट को अगले मैच से पहले टीम कॉम्बिनेशन पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
क्या था चयन का तर्क?
टीम ने शार्दुल ठाकुर को बाहर कर रेड्डी को मौका इसलिए दिया क्योंकि शार्दुल पिछले मैच में बल्ले और गेंद दोनों से फ्लॉप रहे थे। लेकिन रेड्डी की जगह इस अहम मुकाबले में एक अनुभवी ऑलराउंडर या मजबूत बल्लेबाज को मौका मिलना शायद ज्यादा मुफीद होता।