
बिलासपुर : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने अपने गृह क्षेत्र बिलासपुर के दौरे पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तेज हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिल रही व्यापक वित्तीय सहायता का राज्य सरकार द्वारा सही उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे प्रदेश की जनता को उसका वाजिब हक नहीं मिल रहा।
“360 करोड़ मिले, खर्च हुए सिर्फ 78 करोड़”
जेपी नड्डा ने आयुष्मान भारत योजना का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 से 2025 तक 360.11 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को जारी किए हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार केवल 21.7% यानी 78 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाई है। उन्होंने इसे जनता के स्वास्थ्य अधिकारों से धोखा करार दिया।
“यह स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश सरकार की घोर लापरवाही का उदाहरण है। जब पैसा और योजना दोनों मिल रही हैं, तो काम क्यों नहीं हो रहा?” — जेपी नड्डा
ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और क्रिटिकल केयर सेंटर का हाल
- 73 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स बनाए जाने की योजना थी
- अब तक सिर्फ 6 यूनिट्स का निर्माण हुआ
- 14 यूनिट्स की टेंडर प्रक्रिया चल रही है, यानी कुल सिर्फ 20 तक ही काम पहुंच पाया
इसके साथ ही, नड्डा ने बताया कि 8 क्रिटिकल केयर सेंटर बनाए जाने थे, जिनमें बिलासपुर, टांडा, रिकांगपिओ, मंडी, रोहड़ू और पांवटा साहिब शामिल हैं, लेकिन सिर्फ 3 में ही काम शुरू हो सका है।
फंड के दुरुपयोग का आरोप
जेपी नड्डा ने फंड के दुरुपयोग और समय पर उपयोग न करने को लेकर कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए:
“फंड समयबद्ध होता है। अगर इसका उपयोग तय समय पर नहीं हुआ, तो प्रदेश दोबारा इस सहायता से वंचित हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कड़ी जिम्मेदारी और पारदर्शिता के बावजूद राज्य सरकार प्रशासनिक असफलता और सुस्ती दिखा रही है।
1138 करोड़ की सहायता, फिर भी भरोसा नहीं
जेपी नड्डा ने खुलासा किया कि 25 मई को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में मुलाकात कर जायका प्रोजेक्ट के लिए सहायता मांगी थी, जिसके तहत केंद्र ने 30 जून को 1138 करोड़ मंजूर किए। इनमें से:
- 1024 करोड़ की राशि पूरी तरह ग्रांट के रूप में
- 113 करोड़ सॉफ्ट लोन के रूप में
“केंद्र सरकार ने बिना देर किए राशि स्वीकृत की, लेकिन प्रदेश सरकार के पास इनका उचित उपयोग करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिख रही।”