
हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी अमरनाथ यात्रा इस वर्ष आज 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है और 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। यह यात्रा भगवान शिव के ‘बर्फ से बने’ स्वरूप बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए की जाती है। जम्मू-कश्मीर की बर्फीली वादियों में स्थित अमरनाथ गुफा तक की यह यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि साहसिक अनुभव भी देती है।
अमरनाथ गुफा कहां है?
अमरनाथ गुफा मंदिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले की पहलगाम तहसील में स्थित है। यह समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग चंद्रमा की कलाओं के साथ घटता-बढ़ता है, जो इसे अत्यंत चमत्कारी बनाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य सुनाया था।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य क्यों है और कैसे करें?
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) द्वारा यात्रा के लिए पूर्व पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) अनिवार्य किया गया है। बिना यात्रा परमिट के किसी भी श्रद्धालु को गुफा तक जाने की अनुमति नहीं होती।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन:
- वेबसाइट: jksasb.nic.in
- “Online Services” में जाकर “Yatra Permit Registration” चुनें
- यात्रा मार्ग (पहलगाम या बालटाल) और तिथि चुनें
- आधार कार्ड, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट और फोटो अपलोड करें
- शुल्क भरने के बाद परमिट डाउनलोड करें
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन:
- 540+ अधिकृत बैंक शाखाएं: SBI, PNB, J&K Bank, Yes Bank
- मेडिकल प्रमाण पत्र और आईडी के साथ फॉर्म जमा करें
- ग्रुप यात्रा के लिए ग्रुप लीडर का विवरण देना जरूरी
रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी:
- सुरक्षा व निगरानी
- स्वास्थ्य जांच के लिए अनिवार्य मेडिकल सर्टिफिकेट
- रोजाना सीमित संख्या में यात्रियों को परमिट
- 13 साल से कम और 70 साल से अधिक उम्र के लोग, व 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाएं यात्रा के लिए अयोग्य मानी जाती हैं
यात्रा के दौरान बरतें ये सावधानियां
- शारीरिक तैयारी: यात्रा से 4-6 हफ्ते पहले पैदल चलना, योग और सांस संबंधी व्यायाम करें
- मौसम का ख्याल: बर्फबारी और बारिश की संभावना रहती है, गर्म और वाटरप्रूफ कपड़े साथ रखें
- निर्धारित मार्गों पर ही चलें, पहलगाम या बालटाल में से चुनें
- सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें, ID साथ रखें
- ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए धीरे-धीरे चलें और पानी पिएं
- प्लास्टिक और कूड़े का प्रयोग न करें, पर्यावरण की रक्षा करें
- घोड़ों और पालकियों के पास से गुजरते समय विशेष सतर्कता बरतें
क्या-क्या रखें अमरनाथ यात्रा किट में?
- कपड़े: जैकेट, थर्मल इनर, दस्ताने, ऊनी मोजे, रेनकोट, ट्रेकिंग शूज़
- दवाइयां: ऑल्टिट्यूड सिकनेस, दर्द निवारक, प्राथमिक चिकित्सा, ग्लूकोज
- खाद्य सामग्री: ड्राय फ्रूट्स, चॉकलेट, एनर्जी बार, पानी की बोतल
- सामान: टॉर्च, पावर बैंक, सनस्क्रीन, वैसलीन, ऑक्सीजन सिलेंडर (छोटा), पहचान पत्र की फोटोकॉपी
- बैग: मजबूत, वाटरप्रूफ बैकपैक
यात्रा के दो मुख्य मार्ग और उनके पड़ाव
पहलगाम रूट (48 किमी, 3-5 दिन) – पारंपरिक, आसान और सुंदर रास्ता
- पहलगाम (बेस कैंप) →
- चंदनवाड़ी (16 किमी) →
- पिस्सू टॉप (3 किमी) →
- शेषनाग (9 किमी) →
- पंचतरणी (14 किमी) →
- अमरनाथ गुफा (6 किमी)
बालटाल रूट (14 किमी, 1-2 दिन) – छोटा लेकिन कठिन रास्ता
- बालटाल (बेस कैंप) →
- डोमेल (2 किमी) →
- बरारी (5 किमी) →
- संगम (4 किमी) →
- अमरनाथ गुफा (3 किमी)
बालटाल मार्ग तीव्र चढ़ाई वाला है, बुजुर्गों और अस्वस्थ यात्रियों के लिए पहलगाम मार्ग बेहतर माना जाता है।
अमरनाथ यात्रा: एक आध्यात्मिक और जीवन बदलने वाला अनुभव
अमरनाथ यात्रा केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति, श्रद्धा और साहस का संगम है। यदि आप इस साल बाबा बर्फानी के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो अभी से रजिस्ट्रेशन करा लें, स्वास्थ्य जांच पूरी करें और यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। यह यात्रा न केवल आपके विश्वास को सशक्त करेगी, बल्कि जीवन भर के लिए एक अविस्मरणीय स्मृति भी बन जाएगी।