
Law College Rape Case : कोलकाता में लॉ कॉलेज की एक छात्रा से रेप के मामले में लगातार नए अपडेट सामने आ रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए जांच की दिशा बदल दी है।
कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (डीडी) ने दक्षिण कोलकाता के कस्बा स्थित कॉलेज परिसर में पिछले सप्ताह हुई उस घटना की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसमें एक लॉ छात्रा से रेप किया गया था। इस मामले में पहले स्थानीय कस्बा पुलिस थाने ने जांच शुरू की थी। पुलिसकर्मियों ने 25 जून की शाम को अपराध के तुरंत बाद पीड़िता की शिकायत दर्ज कराई, जिसके 24 घंटे के भीतर ही तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
इसके बाद, मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। हालांकि, शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जांच का पूर्ण नियंत्रण जासूसी विभाग को सौंपने का फैसला किया है।
जासूसी विभाग के अधिकारियों ने अब इस मामले के तीन मुख्य आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद, और प्रमित मुखोपाध्याय के खिलाफ नई धाराएं जोड़ दी हैं। शुरुआत में उन पर बलात्कार का आरोप था, लेकिन अब जांच के हाथ में आने के बाद उनके खिलाफ अपहरण और हथियारों से चोट पहुंचाने से संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं।
पुलिस ने यह भी बताया कि, लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र मोनोजीत मिश्रा को बलात्कार के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचान मिली है, जबकि जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय को अपराध के सूत्रधार के रूप में देखा जा रहा है।
इस मामले में चौथा आरोपी भी गिरफ्तार किया गया है, जो कॉलेज परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी है। 25 जून को पीड़िता के बयान के अनुसार, बनर्जी को यौन उत्पीड़न का ‘एकमात्र असहाय गवाह’ माना गया है।
कोलकाता की एक निचली अदालत ने मंगलवार को मनोजीत, अहमद और मुखोपाध्याय की पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी है। वहीं, बनर्जी की पुलिस हिरासत भी 4 जुलाई तक के लिए बढ़ाई गई है।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।