
उत्तर प्रदेश में एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) और भारतीय जनता पार्टी के बीच रिश्तों में खटास के संकेत मिलने लगे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। वजह है – पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित नेताओं को बीजेपी द्वारा दोबारा अहम पदों पर बैठाना।
सीएम को लिखी चिट्ठी में जताई सख्त आपत्ति
आर.पी. गौतम ने अपने पत्र में कहा है कि अपना दल (एस) एनडीए का विश्वसनीय और सक्रिय घटक दल है, जो वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार के विकास कार्यों में सहभागी रहा है। बावजूद इसके, पार्टी से निष्कासित दो नेताओं – मोनिका आर्या और अरविंद बौद्ध – को फिर से सरकारी पदों पर मनोनीत करना गंभीर असंतोष का कारण बना है।
किन पदों पर की गई मनोनयन?
गौतम ने बताया कि:
- मोनिका आर्या को पहले पार्टी के कोटे से अपर शासकीय अधिवक्ता बनाया गया था।
- अरविंद बौद्ध को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया था।
लेकिन दोनों को तीन साल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के चलते निष्कासित कर दिया गया था। फिर भी बीजेपी ने अपना दल (एस) को विश्वास में लिए बिना इन्हें दोबारा नामित कर दिया।
गठबंधन धर्म के उल्लंघन का आरोप
अपना दल (एस) ने इस कदम को गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया है। पत्र में सीएम योगी से दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की गई है ताकि कार्यकर्ताओं में एनडीए के प्रति भरोसा बना रहे और पारदर्शिता की भावना मजबूत हो।
नए नाम भेजे गए
अपना दल (एस) ने इन पदों के लिए दो नए नाम सरकार को प्रस्तावित किए हैं और आग्रह किया है कि निष्कासित नेताओं की जगह पार्टी के सुझाए गए नामों को ही मनोनीत किया जाए।















