
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के कारण मंडी, कुल्लू, किन्नौर और सिरमौर जिलों में भारी तबाही मची है। कई लोगों की जानें गईं, सड़कें टूट गईं और पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) और जल शक्ति विभाग ने अपने 25,000 से अधिक कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी हैं। अब ये सभी कर्मचारी फील्ड में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में जुट गए हैं।
चार दिन में सड़कें बहाल करने के आदेश
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की बहाली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों को फील्ड में तैनात किया गया है। मंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि चार दिन के भीतर मुख्य सड़कों को यातायात के लिए बहाल किया जाए।
बेली ब्रिज की मदद से बहाल होगा संपर्क
- चार वेली ब्रिज कुल्लू भेजे गए हैं, जिन्हें मंडी और कुल्लू में 15 दिन के भीतर स्थापित किया जाएगा।
- PWD के मेकेनिकल विंग को 13 नए बेली ब्रिज बनाने के आदेश भी दिए गए हैं।
- प्रभावित जिलों में जेसीबी और डोजर मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।
- सभी जोनल चीफ इंजीनियरों को मौके पर जाकर कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
कंट्रोल रूम और फील्ड निगरानी
- सभी प्रभावित डिविजन और सब-डिविजन स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।
- हर घंटे फील्ड से रिपोर्टिंग करवाई जा रही है ताकि राहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
- विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी कर्मचारी को अवकाश नहीं मिलेगा।
नए भवन निर्माण पर रोक, भवन सुरक्षा के निर्देश
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि:
- जब तक मौसम पूरी तरह साफ नहीं होता, कोई नया भवन निर्माण कार्य नहीं होगा।
- घरों की छतों से बारिश का पानी खुले में छोड़ने पर रोक लगाई गई है ताकि भू-स्खलन और क्षरण को रोका जा सके।
सरकार का संदेश: राहत के साथ पुनर्निर्माण भी प्राथमिकता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस आपदा के बाद लोगों की जान बचाना, सड़कों और जल स्रोतों की बहाली, और स्थायी पुनर्निर्माण कार्य उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं।