
US sanctions on Russia : अमेरिका ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़ी कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नई सख्ती का संकेत दिया है। खासकर, भारत और चीन जैसे देशों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो रूस से तेल खरीद कर अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं।
इस मामले में अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बिल पेश किया है, जिसमें रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बिल का समर्थन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी किया है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिका रूस के खिलाफ अपनी नीतियों में सख्ती बरतना चाहता है।
रूस की यूक्रेन के खिलाफ जंग के तीन साल पूरे होने के बाद भी, कई देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, जिससे अमेरिकी सरकार के लिए चिंता बढ़ गई है। अमेरिका का मानना है कि रूस पर आर्थिक दबाव डालने के लिए यह कदम आवश्यक है ताकि उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सके और उसकी सैन्य गतिविधियों पर असर पड़े।
लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किए गए इस बिल के अनुसार, रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा, जो कि रूस से आयात होने वाली वस्तुओं पर भी लागू होगा। इस कदम का मकसद रूस पर आर्थिक दबाव बनाना है, ताकि वह अपने आक्रामक कार्यवाहियों को रोकने पर मजबूर हो सके।
यह खबर भारत जैसे देशों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि भारत रूस से सस्ते तेल की खरीदारी करता रहा है। यदि यह बिल पारित हो जाता है, तो भारत को अपनी ऊर्जा की लागत में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल भारत की तेल कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि इसके आर्थिक प्रभाव भी स्पष्ट होंगे।
यह बिल अभी प्रस्तावित अवस्था में है और इसके पारित होने की प्रक्रिया चल रही है। यदि यह कानून बन जाता है, तो यह रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। वहीं, अमेरिका का उद्देश्य रूस को आर्थिक रूप से कमजोर कर उसकी सैन्य गतिविधियों को प्रभावित करना है।