‘सीनीयर हैं तो क्या हुआ’, किस खिलाड़ी की खराब फॉर्म पर भड़के मांजरेकर, कोच गंभीर को ये क्या कह दिया

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की हालिया फॉर्म को लेकर पूर्व क्रिकेटर और चर्चित कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल को चेताया है। उन्होंने कहा है कि अब वक़्त आ गया है कि टीम मैनेजमेंट को मुश्किल फैसले लेने होंगे और सिराज की जगह किसी नए विकल्प पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

सिराज की फॉर्म बनी चिंता का विषय

हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में सिराज ने पहली पारी में तो दो विकेट निकाले, लेकिन दूसरी पारी में वो बेहद फीके नजर आए। उन्होंने एक-दो स्पैल में जरूर अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन पूरे मैच में कंसिस्टेंसी की कमी साफ दिखाई दी।
उन्होंने बेन डकेट को 97 रन पर आउट करने का मौका भी बनाया था, लेकिन यशस्वी जायसवाल ने कैच छोड़ दिया।

संजय मांजरेकर ने ESPN क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा:

“सिराज ने अनुभव के दम पर गेंदबाजी की है, लेकिन अब वक्त है वर्तमान फॉर्म पर ध्यान देने का। टीम को जल्द फैसला लेना होगा।”

आंकड़े भी कर रहे सिराज की आलोचना

मांजरेकर की राय महज भावना नहीं, बल्कि आंकड़ों पर आधारित है।

  • पिछले 10 टेस्ट मैचों में सिराज ने सिर्फ 28 विकेट लिए हैं।
  • इस गिरते प्रदर्शन ने बुमराह पर अतिरिक्त दबाव डाल दिया है।

प्रसिद्ध कृष्णा को बताया बेहतर विकल्प

मांजरेकर ने सिराज की जगह प्रसिद्ध कृष्णा को प्राथमिकता देने की बात कही है। उन्होंने कहा:

“मैच के आखिरी ओवरों में शुभमन गिल जब विकेट की उम्मीद कर रहे थे, तो उन्होंने कृष्णा को गेंद दी। भले ही वो थोड़ा महंगे साबित हुए हों, लेकिन विकेट लेने का जज्बा उनमें नजर आया।”

मांजरेकर का मानना है कि अगर टीम को अभी चुनना हो, तो वे सिराज की जगह प्रसिद्ध कृष्णा को मौका देंगे।

शार्दुल ठाकुर की जगह नितीश रेड्डी की मांग

मांजरेकर ने सिर्फ सिराज ही नहीं, बल्कि शार्दुल ठाकुर को भी टीम से बाहर करने की सलाह दी।
उन्होंने उनकी जगह युवा नितीश कुमार रेड्डी को मौका देने की बात कही।

“टीम में सिर्फ इसलिए सीमर्स को न खिलाएं कि आप इंग्लैंड जैसी कंडीशंस में खेल रहे हैं। जरूरत हो तो एक पेसर को ड्रॉप करके कुलदीप यादव को लाना चाहिए।”

मांजरेकर का संदेश: फॉर्म को तरजीह दो, नाम को नहीं

संजय मांजरेकर का यह बयान साफ संकेत देता है कि टीम इंडिया को अब फॉर्म पर आधारित चयन नीति अपनानी चाहिए। बड़े नामों और पुराने रिकॉर्ड के भरोसे चलना अब टीम के हित में नहीं।

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