
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को कलकत्ता हाई कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने आदेश दिया है कि कानूनी विवाद के दौरान शमी को अपनी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां और बेटी को हर महीने कुल ₹4 लाख रुपये गुजारा भत्ते के रूप में देने होंगे।
क्या कहा हाई कोर्ट ने?
यह आदेश हाई कोर्ट के जज अजय कुमार मुखर्जी ने मंगलवार को सुनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
- हसीन जहां को ₹1,50,000 प्रति माह
- बेटी को ₹2,50,000 प्रति माह
दिए जाने चाहिए, जिससे दोनों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि:
“बेटी की शिक्षा या अन्य जरूरी खर्चों के लिए मोहम्मद शमी अतिरिक्त सहायता करने के लिए स्वतंत्र हैं।”
जिला अदालत का पुराना आदेश क्या था?
इससे पहले 2023 में एक सत्र अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि शमी को:
- हसीन जहां को ₹50,000 प्रति माह
- बेटी को ₹80,000 प्रति माह
देना होगा।
हालांकि, इस फैसले से असंतुष्ट होकर हसीन जहां ने कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने गुजारा भत्ते की राशि बढ़ाने की मांग की थी।
क्या है मामला?
यह विवाद मार्च 2018 से चला आ रहा है, जब हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर:
- घरेलू हिंसा
- अन्य महिलाओं से अवैध संबंध
- मैच फिक्सिंग
जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि, अब तक इन आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी है।
शमी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे अपने और अपने परिवार के खिलाफ साजिश बताया था। फिलहाल, हसीन जहां अपनी बेटी के साथ शमी से अलग रह रही हैं और तलाक का मामला अदालत में लंबित है।
अब क्या आगे?
इस आदेश के बाद शमी को कानूनी प्रक्रिया के दौरान हर महीने ₹4 लाख रुपये अदा करने होंगे। साथ ही बेटी की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं में भी अतिरिक्त सहयोग देने की उम्मीद जताई गई है।