
जम्मू। आस्था की अग्निपरीक्षा फिर एक बार शुरू हो चुकी है। अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई है और पहला जत्था बुधवार (3 जुलाई) को जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हो गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर स्थित बेस कैंप से 146 वाहनों में श्रद्धालुओं के इस पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। यह जत्था 3 जुलाई को बाबा बर्फानी के पवित्र शिवलिंग के दर्शन करेगा।
आतंक नहीं, आस्था है हमारा संबल
श्रद्धालु इस यात्रा को सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था की विजय यात्रा मानते हैं। यात्रा में शामिल कई भक्तों ने एक स्वर में कहा, “हमारे लिए आतंक से बढ़कर आस्था है। बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए हम हर मुश्किल झेलने को तैयार हैं। हमें अपने जवानों पर पूरा भरोसा है।”
‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के नारों से गूंजता वातावरण साफ दर्शाता है कि श्रद्धालुओं का जोश किसी भी चुनौती से कम नहीं है। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यह यात्रा आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और अदम्य श्रद्धा का प्रतीक बन चुकी है।
सुरक्षा में कोई चूक नहीं
इस बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था और भी सख्त की गई है। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पूरे मार्ग में जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती है, ड्रोन से निगरानी की जा रही है और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।
‘श्रद्धालु सुरक्षित हाथों में हैं’
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने यात्रा को लेकर विश्वास जताते हुए कहा, “सिर्फ दो महीने पहले माहौल कुछ और था, लेकिन आज हम देख सकते हैं कि हजारों श्रद्धालु निडर होकर बाबा भोले के जयकारे लगाते हुए यहां पहुंचे हैं। यह बताता है कि लोग सरकार और सुरक्षा बलों पर पूरा भरोसा करते हैं। श्रद्धालु पूरी तरह सुरक्षित हैं।”
आस्था की ताकत आतंक पर भारी
इस यात्रा में शामिल कई लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि आतंकवाद को करारा जवाब है। एक श्रद्धालु ने कहा, “आस्था की ताकत आतंक की बंदूक से कहीं बड़ी है। हम बाबा के बुलावे पर आए हैं, और कोई भी ताकत हमें रोक नहीं सकती।”















