
शिमला । हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बीते 24 घंटों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य के कई क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में अगले 24 घंटे के लिए बाढ़ का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेताया है कि आगामी 7 जुलाई तक भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका है। इसके मद्देनजर आरेंज व येलो अलर्ट भी जारी किए गए हैं। साथ ही, पूरे प्रदेश में राहत व बचाव कार्य तेजी से जारी है।
राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान मानसून की सबसे भीषण बारिश दर्ज की गई है। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां विभिन्न स्थानों पर बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं में 4 लोगों की मौत हुई है जबकि 16 लापता हैं। मंडी के थुनाग, करसोग, ओल्ड बाजार और रिक्की जैसे क्षेत्रों में बादल फटे हैं। करसोग में एक व्यक्ति की मौत और 4 लापता हैं। रिक्की से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मंडी जिला के ही गोहर क्षेत्र में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं। यहां सियांज गांव में दो घर बह गए और 9 लापता हैं। बाडा गांव में बादल फटने से 2 की मौत और 4 घायल हुए। तलवारा गांव में एक परिवार के तीन सदस्य लापता हैं और एक बच्ची को सुरक्षित बचाया गया है।
मंडी में सबसे ज्यादा 233 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, हमीरपुर में 51 और चंबा में 3 का रेस्क्यू किया गया। हमीरपुर की सुजानपुर तहसील के ब्लाह गांव में ब्यास नदी में आई बाढ़ से कई लोग फंस गए थे, जिन्हें पुलिस ने सुरक्षित निकाला। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे पंडोह बाजार क्षेत्र खतरे में आ गया। यहां से 100 से 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
मंडी के धर्मपुर, गोहर और कोटली क्षेत्रों में कई घर, पशुशालाएं और एक पुल पूरी तरह बह गए हैं। बाली चौकी क्षेत्र में भी बाढ़ के कारण पुल बह गया है। मंडी के डाइट परिसर में फंसीं 29 युवतियों को गुरुद्वारे में शिफ्ट कर राहत शिविर में रखा गया है।
किन्नौर जिले के रकच्छम में बादल फटने की घटना सामने आई है। हालांकि इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। मंडी में 10 से ज्यादा जगहों पर बादल फटे हैं, जिससे लोगों के घर, जमीन और पालतू मवेशियों को भारी नुकसान पहुंचा है। मंडी जिले में कुल 10 घर, 12 पशुशालाएं और एक पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 26 मवेशी भी मारे गए हैं।
बीते 24 घंटों में मंडी जिले के संधोल और मंडी शहर में सबसे अधिक 220 मिमी बारिश दर्ज की गई। पंडोह में 210 मिमी, बिजाही में 200 मिमी और करसोग में 160 मिमी वर्षा हुई। कांगड़ा के पालमपुर और शिमला के चौपाल में 140 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार यह इस मानसून सीजन की अब तक की सबसे भारी बारिश रही है।
मौसम विभाग ने 2 से 7 जुलाई तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। 2 जुलाई को कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, वहीं उना, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और शिमला में येलो अलर्ट जारी किया है। 3 व 4 जुलाई को राज्य के कुछ भागों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट। वहीं 5 से 7 जुलाई तक पूरे राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा व आकाशीय बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
झारखंड में भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित, अब तक सामान्य से 88 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज
झारखंड में हो रही भारी बारिश से प्रदेश का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे राज्य के कई जिलों में पुल-पुलिया टूट गए हैं।नदी-नाले उफान पर हैं और राजधानी सहित विभिन्न जिलों के कई मोहल्ले पानी में डूबे हुए हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक से 30 जून तक सामान्य से 88 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान राजधानी रांची में सबसे अधिक सामान्य से 213 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मॉनसून के दौरान अब तक राज्य के 24 में से पांच जिलों को छोड़कर शेष 19 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में छह जुलाई तक भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार दो और तीन जुलाई को उत्तरी-पश्चिमी और उत्तरी-मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है।जबकि चार जुलाई को उत्तरी-मध्य और उत्तरी-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है, जबकि कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। मौसम विज्ञान केन्द्र ने पांच और छह जुलाई को राज्य के उत्तरी-पश्चिमी जिले पलामू, गढवा, चतरा, लातेहार, कोडरमा और लोहरदगा में और उत्तरी-मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। साथ ही इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की आशंका को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मॉनसून के दौरान राज्य की राजधानी रांची में सबसे अधिक सामान्य से 213 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यहां 205 मिमी के मुकाबले 642.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश के चलते रांची के नदी-नाले, डैम और कई जल प्रपात उफान पर हैं वहीं रांची के कई निचले इलाके पानी मे डूब गए हैं। इनमें पंडरा का का पंचशील नगर, अपर बाजार, अपर बाजार स्थित सेवा सदन अस्पतताल, मोरहाबादी के कई इलाके, अरगोडा का अशोकपुरम शामिल है। भारी बारिश से आम लोगों को दैनिक कार्यों में परेशानी उठानी पड़ रही है। बच्चों को स्कूंल जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश से खूंटी में टूटे कई पुल-पुलिया-
खूंटी जिले में पिछले 15-20 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारी बारिश के कारण जिले के कई पुल-पुलिया और डायवर्जन टूट चुके हैं। खूंटी-सिमडेगा रोड पर बाबा आम्रेश्वरधाम के पहले बनई नदी पुल, डोड़मा सिसई-डोडमा रोड पर छाता नदीं पर बना डायवर्जन, लोधमा के पास कुलहुटू पुल और मुरहू रोड पर भी कई पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
भारी बारिश को लेकर कर्रा प्रखंड के किसान दिलीप शर्मा कहते हैं कि बारिश अब परेशानी का कारण बन गई है। उन्होंने कहा कि चाहे ऊपर का टांड खेत हो या निचला दोन, सभी जगह सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। धान की बिचड़ा डालने के लिए जो बीज खेतों में डाले जा रहे हैं, वह भी पानी में बह जा रहे हैं। तोरपा कें सिान पंचम साहू और राजू साहू बहते हैं कि खेतों में सब्जियां सड़ रही हैं। बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही है।
कोल्हान में जनजीवन अस्त-व्यस्त, चांडिल डैम के खोले गए 10 फाटक-
कोल्हान प्रमंडल में लगातार हो रही बारिश से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले के लोगों का जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है। पश्चिम सिंहभूम में शंख नदी, पूर्वी सिंहभूम में स्वर्णरेखा नदी और सरायकेला खरसावां में खरकाई नदी उफान पर हैं। चांडिल डैम के 10 फाटक खोल दिए गए हैं। इससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई गांवों और खेतों में पानी भर गया है। इससे यातायात, रोजगार और जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। हालांकि मंगलवार को बारिश में कमी के कारण बाढ़ के पानी में हल्की गिरावट दर्ज की गई। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं स्थानीय विधायक और पंचायत प्रतिनिधि भी प्रभावित गांवों में रहकर राहत सामग्री, भोजन, दवा और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है।
जिलों में इतनी बारिश दर्ज-
जिलावार बारिश की बात की जाए तो अब तक बोकारो में 173.4 मिमी की तुलना में 300.9 मिमी, चतरा में 167.3 मिमी की तुलना में 388.4, देवघर में 192.7 की तुलना में 139.3, धनबाद में 219.8 के मुकाबले 360.4, दुमका में 206.8 की तुलना में 283.9, पूर्वी सिंहभूम में 242.4 के मुकाबले 650.3, गढवा में 138.9 की तुलना में 133.6, गिरिडीह में 200.4 की तुलना में 231.5, गोडडा में 178.4 के मुकाबले 129.6, गुमला में 206.2 के मुकाबले 373.3, हजारीबाग में 202.3 की तुलना में 325.9, जामताडा 215.4 की तुलना में 275.4, खूंटी में 212 के मुकाबले 399.9, कोडरमा में 165.9 के मुकाबले 175.7, लातेहार में 183.5 की तुलना में 537.2, लोहरदगा में 204.8 की तुलना में 406.1, पाकुड में 235.2 के मुकाबले 189.2, पलामू में 128.1 मिमी की तुलना में 287, रामगढ में 202.8 मिमी की तुलना में 523.7, साहिबगंज में 239.6 की तुलना में 209, सरायकेला-खरसावां में 210.4 की तुलना में 530, सिमडेगा में 245.1 के मुकाबले में 477.3, पश्चिमी सिंहभूम 208.8 मिमी की तुलना में 400.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
यूपी में अगले तीन दिनों तक तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली का अलर्ट

उत्तर प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से लगातार अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो रही है। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अधिकतर जिलों में मंगलवार को बारिश होने से मौसम सुहाना हो गया, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से बड़ी राहत मिली। इस बारिश से किसानों के चेहरे भी खिले हैं।
लखनऊ मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने कहा कि यह बारिश खरीफ की फसल जैसे धान, मक्का और दालों के लिए अमृत के समान है। रूक-रूक कर हो रही बारिश से तापमान कम हुआ है। उन्होंने अगले तीन दिनों तक प्रदेश में हल्की से तेज बारिश की संभावना जताई है।
प्रयागराज में आज सुबह एवं दोपहर को मध्यम वर्षा हुई जो देर शाम तक जारी रही। इससे गंगा, यमुना समेत त्रिवेणी संगम में जल स्तर बढ़ा है। हालांकि अभी यहां बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। यहां नदियों के खतरे का निशान 84.734 मीटर है जबकि गंगा का स्तर 76.79 मीटर और यमुना 75.62 मीटर तक पहुंच चुकी है। दोनों ही नदियों में तेजी से जलस्तर को बढ़ता देख फाफामऊ और नैनी में बाढ़ चौकियां अलर्ट मोड में हैं।
कानपुर में भी बारिश बीते 24 घंटे से रूक रूककर हो रही है। हालांकि मंगलवार को सुबह से बारिश नहीं हुई लेकिन मौसम सुहाना रहा। चंद्रशेखर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, जिले में आगामी पांच दिनों में हल्के बादल रहने के कारण मध्य तेज हवाओं, गरज़ चमक के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम वर्षा रहने की संभावना है। वहीं सिंचाई विभाग ने बताया कि चेतावनी बिंदु के नजदीक गंगा का जलस्तर अभी नहीं पहुंचा है। लेकिन गंगा बैराज से 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया है।
मुरादाबाद में भी आज बारिश नहीं हुई और तेज धूप निकली। आज जिले का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जबकि एक दिन पूर्व सोमवार को पांच मिमी. बारिश हुई थी। इसी तरह बरेली में आज पूरे दिन धूप व उमस भरी गर्मी है।
लखनऊ मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक सिंह के मुताबिक प्रदेश में अगले 24 घंटे में प्रदेश के मौसम विभाग ने पश्चिमी और पूर्वी यूपी के अनेक जगहों पर बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। वहीं यूपी के 35 जिलों में भारी बारिश के साथ-साथ 65 जिलों में बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने ग्रामीण इलाकों में बारिश के दौरान मवेशी चराने के साथ ही सावधानी बरतने को कहा है।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने यूपी के बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, रायबरेली, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट एवं संभावना जताई है।