
- कृषि विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी से दूकानदारों के होश उड़े
- यदि खाद की दुकान चलानी है तो गुणवत्तायुक्त और सही मुल्य पर खाद बेचे दुकानदार
Maharajganj: जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की फरमान पर खरीफ के सीजन में खाद, बीज और खेती को लेकर कृषि विभाग सख्त हो गया है। उप कृषि निदेशक संजीव कुमार के दिशा-निर्देशन में जिला कृषि अधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह की ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान जारी है। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि खाद की कालाबाजारी करने वाले की खैर नहीं है। यदि दुकानदारी करनी है, तो गुणवत्ता पूर्ण खाद बेचनी होगी। शर्त यह भी है खाद वितरण रजिस्टर, स्टाक रजिस्टर मेंटेन जरूरी है। सूची बोर्ड पर खाद का मूल्य अंकित करना होगा। ऐसा न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
मंगलवार को जिला कृषि अधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह की टीम विकास खण्ड-सदर व सिसवा में स्थित उर्वरक प्रतिष्ठानों पर आकस्मिक छापा मारा। दुकान खुली होने के बावजूद, दुकान पर दुकानदार उपस्थित न होने, दुकान में स्टॉक होने के बावजूद उसका अंकन स्टॉक व रेट बोर्ड पर न किये जाने के कारण मेसर्स बैजनाथ वर्मा खाद भण्डार, सतभरिया का उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलम्बित कर दिया गया। ऋद्धि सिद्धि खाद भण्डार, शिकारपुर के प्रतिष्ठान पर स्टॉक व रेट बोर्ड पर स्टॉक व बिक्री दर का अंकन न होने तथा स्टॉक व बिक्री रजिस्टर अद्यतन न होने के कारण “कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मेसर्स मां गायत्री कीटनाशक भण्डार, शिकारपुर के प्रोपराइटर द्वारा कीटनाशी लाइसेंस के अतिरिक्त कोई अन्य अभिलेख प्रस्तुत न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने की संस्तुति की गई।
मेसर्स मिथिलेश तिवारी खाद भण्डार सतभरिया, आईएफएफडीसी कृषक सेवा केन्द्र गौनरिया बाबू, आईएफएफ डीसी कृषक सेवा केन्द्र शिकारपुर सहित कई अन्य प्रतिष्ठानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। जिनके रिकार्ड सही पाये गए। इन प्रतिष्ठानों पर उर्वरक लेने आये किसानों से फीड बैंक लिया गया। किसानों द्वारा बताया गया कि उन्हें सही रेट पर इन प्रतिष्ठानों से उर्वरक मिल रहा है।
किसानों को कैशमेमो जरूर दें दुकानदार
जिला कृषि अधिकारी ने सख्त चेतावनी के साथ निर्देशित किया है कि वे निर्धारित मूल्य पर ही किसानों को उर्वरकों की बिक्री उनकी खतौनी/जोतबही के आधार पर पीओएस मशीन से करें। किसानों को कैशमेमों अवश्य दें। सभी फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया कि अगले दो दिन के अन्दर व अपने प्रतिष्ठान पर स्टॉक व रेट बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाएं। प्रमाणित स्टॉक व बिक्री रजिस्टर में प्रतिदिन स्टाक प्राप्ति व बिक्री के विवरण की इन्ट्री करें। मुख्य उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की जबर्दस्ती टैगिंग कदापि न करें। ध्यान रखें कि यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता के द्वारा उपरोक्त निर्देशों का उल्लघंन किया जाता है तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम- 1955 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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