बादल फटने से हिमाचल में टूटा कहर! 3 की मौत व 30 लापता, मंडी में तबाही

Cloudburst in Himachal : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने की घटना से भारी विनाश हुआ है। करसोग में तीन लोगों की मृत्यु हो गई है और अनेक लोग अभी भी लापता हैं। करसोग-मनाली मुख्य सड़क प्रतिबंधित हो गई है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही, लारजी और पंडोह जलाशयों के गेट खोल दिए गए हैं और जल विद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात और मंगलवार तड़के बादल फटने की घटनाओं ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। करसोग, सराज और धर्मपुर उपमंडल में इस प्राकृतिक कहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। करसोग में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, और कई घर, गौशालाएं तथा वाहन मलवे में दब गए हैं। अभी भी 30 से अधिक लोग लापता हैं।

मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण करसोग-मनाली मुख्य मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे यातायात का संचालन प्रभावित हुआ है। सैकड़ों यात्री और वाहन मार्ग और सुरंगों में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने उन्हें पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसके अलावा, जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई है।

अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। आधी रात को भारी बारिश के बीच रघुनाथ का पद्धर में कुष्ठ रोगियों के आश्रम में बाढ़ आ गई, जिससे वहां रह रहे लोगों का जीवन संकट में पड़ गया। एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जिसमें 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण लारजी और पंडोह जलविद्युत परियोजनाओं के गेट खोलने पड़े हैं। खतरे को देखते हुए लारजी और डैहर जलविद्युत संयंत्र का बिजली उत्पादन भी बंद कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, कोल डैम से 800 मेगावाट क्षमता वाले टरबाइन से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है ताकि डैम का संतुलन बना रहे।

ब्यास नदी में जल का प्रवाह 1.68 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिससे स्थिति 2023 जैसी गंभीर बनती जा रही है। धर्मपुर के लौंगनी क्षेत्र में बादल फटने से दर्जनों घर और गौशालाएं पूरी तरह बाढ़ में डूब गई हैं, साथ ही पांच मवेशियों की मौत की खबर है। खेतों में लगी फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं। इस क्षेत्र में बिजली और संचार सेवाएं प्रभावित हुई हैं, और कई ग्रामीणों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

मंडी शहर में भी स्थिति काफी गंभीर है। थनेहड़ा के पास एक नाले का अवरोध हो जाने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस आया। रातभर की कोशिशों के बाद प्रशासन को अलर्ट मोड पर आना पड़ा और नगर निगम की मदद से घरों से पानी निकाला गया। लोगों से निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की गई है।

उपायुक्त मंडी, अपूर्व देवगन ने कहा कि राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष टीमें तैनात कर दी गई हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वहीं, कुल्लू जिले के स्याज में 9 लोगों के बहने की भी सूचना मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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