
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार, 30 जून 2025 को कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बदलाव की चर्चाओं पर विराम लगाने की कोशिश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई भी फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा लिया जाएगा और इस विषय पर अनावश्यक अटकलें फैलाने से बचना चाहिए।
क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे?
खरगे ने कहा,
“यह मामला पूरी तरह हाईकमान के अधिकार क्षेत्र में आता है। कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि हाईकमान क्या निर्णय लेगा। जो भी निर्णय लेना होगा, वह पार्टी नेतृत्व करेगा। किसी को भी बिना वजह विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए।”
गौरतलब है कि बीते कुछ हफ्तों से मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज थी कि अक्टूबर 2025 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में किसी नए चेहरे को सामने लाया जा सकता है। इन अटकलों को खरगे ने गैरजरूरी और अनुशासनहीनता फैलाने वाला बताया।
संघ नेता होसबाले के बयान पर तीखा पलटवार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के हालिया बयान पर खरगे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने होसबाले पर जातिवादी मानसिकता रखने का आरोप लगाते हुए कहा:
“दत्तात्रेय होसबाले मनुस्मृति की सोच वाले व्यक्ति हैं। वे नहीं चाहते कि गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग तरक्की करें। उन्हें समानता, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और स्वतंत्रता जैसे संविधानिक मूल्यों से परेशानी है।”
खरगे ने सवाल उठाया कि जब संघ हिंदुत्व की बात करता है, तो आज तक छुआछूत को खत्म क्यों नहीं कर पाया? उन्होंने कहा कि जो संगठन खुद को हिंदू धर्म का रक्षक बताता है, उसे सबसे पहले समाज में फैली ऊंच-नीच की मानसिकता को खत्म करना चाहिए।
“अगर संघ संविधान से छेड़छाड़ की कोशिश करेगा, तो कांग्रेस इसका हर स्तर पर जोरदार विरोध करेगी।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि में क्या चल रहा है?
- कर्नाटक में सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को एक साल से ज्यादा हो गया है।
- अंदरखाने नेतृत्व परिवर्तन की मांग कुछ विधायकों की ओर से उठाई जा रही है।
- वहीं पार्टी में डीके शिवकुमार गुट को लेकर भी कई बार मतभेद सामने आ चुके हैं।
लेकिन खरगे के इस बयान से साफ है कि फिलहाल कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने और विवाद टालने की रणनीति पर काम कर रहा है।