
गर्मियों में AC खरीदना आम बात है, लेकिन क्या आप भी सिर्फ टन कैपेसिटी देखकर AC खरीदने की सोच रहे हैं? अगर हां, तो हो सकता है कि आपका बिजली बिल हर महीने आपका बजट बिगाड़ दे। AC खरीदते समय केवल टन देखना काफी नहीं है — आपको कूलिंग कैपेसिटी पर भी ध्यान देना चाहिए।
केवल टन देखकर AC खरीदना क्यों है गलत?
अक्सर लोग अपने कमरे के आकार के अनुसार 1 टन, 1.5 टन या 2 टन का AC चुन लेते हैं। उदाहरण के लिए:
- छोटे कमरे के लिए 1 टन
- मिडियम साइज के लिए 1.5 टन
- बड़े हॉल के लिए 2 टन
लेकिन यह सोचना कि टन जितना ज्यादा होगा, कूलिंग उतनी बेहतर होगी — यह पूरी तरह सही नहीं है। असल में, टन से सिर्फ AC की केवल क्षमता का अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन कमरे को कितनी तेजी से ठंडा करेगा, यह कूलिंग कैपेसिटी पर निर्भर करता है।
क्या होती है कूलिंग कैपेसिटी?
कूलिंग कैपेसिटी का मतलब है कि AC कितनी तेजी से और कितनी एफिशिएंसी से कमरे को ठंडा करेगा। इसे आमतौर पर वॉट (W) या BTU (British Thermal Unit) में मापा जाता है।
उदाहरण के लिए:
- अगर एक 1.5 टन AC की कूलिंग कैपेसिटी 3500W है और दूसरे 1.5 टन AC की 5000W,
तो 5000W वाला AC कमरे को जल्दी ठंडा करेगा।
इसका मतलब है:
- कम समय में मनचाहा तापमान
- कम समय में AC बंद
- नतीजा — कम बिजली खपत और कम बिल
स्मार्ट खरीदारी कैसे करें?
जब आप अगली बार AC खरीदने जाएं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
टन के साथ-साथ कूलिंग कैपेसिटी जरूर देखें
AC के स्टार रेटिंग स्टीकर को ध्यान से पढ़ें – वहां कूलिंग कैपेसिटी लिखी होती है
कम समय में ठंडा करने वाला AC ही असल में बिजली बचाने वाला होता है
इनवर्टर टेक्नोलॉजी वाले AC को प्राथमिकता दें