
- नगरपालिका के दावों की खुली पोल, गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक जल ही जल
लखीमपुर खीरी। मानसून की दस्तक के साथ लखीमपुर खीरी जिले में आखिरकार भीषण गर्मी से राहत मिली। बीते कई दिनों से झुलसा देने वाली धूप और उमस से परेशान जनता के लिए सोमवार की सुबह उम्मीद की बौछार लेकर आई। रिमझिम फुहारों से शुरू हुआ सिलसिला झमाझम बारिश में तब्दील हुआ, जिसने जिले के तापमान को काफी नीचे ला दिया। मौसम सुहाना हुआ और लोगों के चेहरों पर राहत की मुस्कान दिखी।

लेकिन राहत की इस बारिश के साथ ही मुसीबतों का ऐसा सैलाब आया जिसने आमजन की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया। नगर क्षेत्र की गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक पानी ही पानी नजर आया। नालों की सफाई न होने के कारण जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं दिखी, और देखते ही देखते सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया।
जलभराव बना आफत का नाम
गोला नगर के डामर रोड, मेला मैदान रोड, सिनेमा रोड, पंजाबी कॉलोनी, बदलनगर कॉलोनी सहित तमाम क्षेत्र ऐसे रहे जहां जलभराव ने लोगों का पैदल निकलना तो दूर, दुपहिया व चार पहिया वाहन चलाना भी मुश्किल कर दिया। कई स्थानों पर तो हालात ऐसे रहे कि लोग अपने ही घरों से बाहर नहीं निकल पाए।

बारिश थमने के बाद भी घंटों तक पानी का निकास न हो पाना यह बताने के लिए काफी है कि नगर पालिका प्रशासन ने बरसात से पहले तैयारी के जो दावे किए थे, वे धरातल पर कितने खोखले साबित हुए हैं।
नगरपालिका अध्यक्ष के दावे फेल
गोला नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ‘रिंकू’ द्वारा कुछ प्रमुख सड़कों की नालियों की सफाई कराए जाने की बात जरूर कही गई थी, लेकिन वह कार्य सिर्फ कागजों और कैमरों तक ही सीमित नजर आया। शहर के कई इलाकों में नालियों की समय से सफाई न होने के कारण पानी जमा हो गया और लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
भविष्य की चिंता: करंट और बीमारियों का डर
जहां एक ओर जलभराव ने आम जन का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं दूसरी ओर बिजली के खुले तार और ट्रांसफॉर्मरों के आसपास पानी भरने से करंट लगने जैसी दुर्घटनाओं की भी आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा गंदे पानी के जमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने और बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है।
जनता पूछ रही सवाल
स्थानीय निवासी पूछ रहे हैं कि यदि पहली ही बारिश में शहर की यह हालत है तो पूरे मानसून में क्या होगा? लोग सवाल कर रहे हैं कि हर साल की तरह इस बार भी नगरपालिका की लापरवाही का खामियाजा उन्हें क्यों भुगतना पड़े।