गाड़ियां तोड़ीं, आगजनी-पथराव…भीम आर्मी के उग्र प्रदर्शन के बाद बड़ा एक्शन, अब उपद्रवियों पर लगेगा NSA और गैंगस्टर एक्ट 

रविवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के करछना तहसील में उस समय माहौल अचानक गरमा गया जब आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद को इसौटा गांव जाने से पुलिस ने रोक दिया। चंद्रशेखर की रुकावट की खबर मिलते ही उनके समर्थक उग्र हो गए और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। पार्टी कार्यकर्ताओं का सड़क पर उग्र प्रदर्शन पुलिस की ओर से जानकारी मिली है कि चंद्रशेखर के समर्थन में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। जैसे ही उन्हें यह पता चला कि उनके नेता को गांव जाने से रोका गया है, तो भीड़ में आक्रोश फैल गया। लोगों ने पुलिस की चार गाड़ियों, एक निजी बस और राह चलते लोगों की करीब 10 गाड़ियों में तोड़फोड़ की। घटनास्थल पर पत्थरबाजी भी की गई, जिससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।   पुलिस की सख्त प्रतिक्रिया, NSA और गैंगस्टर एक्ट में होगी कार्रवाई यमुनानगर के डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने बताया कि हालात अब काबू में हैं, लेकिन उपद्रव करने वालों के खिलाफ बेहद सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अब तक 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और CCTV फुटेज की मदद से बाकी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि चिन्हित लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। चंद्रशेखर को भेजा गया वाराणसी, दिल्ली के लिए हुए रवाना पुलिस के मुताबिक, चंद्रशेखर इसौटा गांव के देवीशंकर नामक युवक की मौत के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। देवीशंकर की अप्रैल में आग से जलकर मौत हो गई थी, जिसे परिवारवाले हत्या मानते हैं। इसी मामले को लेकर चंद्रशेखर वहां जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें रोक दिया और बाद में उन्हें वाराणसी भेज दिया गया। सोमवार सुबह 9 बजे वह फ्लाइट से दिल्ली रवाना हुए। क्यों भड़की भीड़? पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कार्यकर्ताओं को जैसे ही पता चला कि चंद्रशेखर इसौटा गांव नहीं जा सकेंगे, उनमें गुस्सा फैल गया। उन्होंने गाड़ियों पर पथराव शुरू कर दिया। डायल 112 की गाड़ी और एक अन्य वाहन को भीड़ ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति पर जल्दी ही काबू पा लिया। कानून हाथ में लेने वालों पर सख्ती तय अधिकारियों का कहना है कि उपद्रव करने वालों की पहचान कर ली गई है। अब उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करने में लगा है कि आगे कोई और तनाव न फैले। वहीं, चंद्रशेखर के समर्थक सोशल मीडिया के जरिए अपने नेता के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं, जिससे एक बार फिर यह मुद्दा राजनीतिक रूप ले सकता है।

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