
जबलपुर। ऑपरेशन सिन्दूर के बाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी को लेकर शहडोल जिले के सिंहपुर थाने में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर दर्ज एफआईआर खारिज करने से इंकार कर दिया है। सिंहपुर में रहने वाले याचिकाकर्ता यादवेन्द्र पाण्डे के खिलाफ राकेश कुशवाहा और साथियों ने सिंहपुर थाने में शिकायत देते हुए आरोप लगाया था कि यादवेंद्र पांडे जो कि किसान कांग्रेस के महासचिव हैं ने ऑपरेशन सिन्दूर के बाद अपने फेसबुक अकाउंट पर हास्यास्पद तस्वीरें पोस्ट की हैं और एक वीडियो वायरल किया।
पोस्ट में लिखा गया कि भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के दबाव में आकर उस पर किये गए हमले में युद्ध वापस ले लिया है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता ने भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया है।
यादवेंद्र पांडेय ने इस एफआईआर को चुनाैती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने किसान कांग्रेस के महासचिव यादवेन्द्र पाण्डेय की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि अभी यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि शिकायत या एफआईआर में लगाए गए आरोप सही हैं या गलत, इसलिए फिलहाल मामले पर दखल नहीं दिया जा सकता।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि इस मामले में पुलिस को जांच का अधिकार है। यदि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिलते तो पुलिस अपने आप खात्मा रिपोर्ट दाखिल करेगी। जब तक जांच नहीं होती, तब तक एफआईआर खारिज करना अनुचित है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में हुई पूर्व की रूलिंग का ध्यान रखते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।