
बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने हाल ही में अपनी हेल्थ जर्नी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। हार्ट अटैक से उबरने के बाद एक्ट्रेस को एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर—एडिसन डिज़ीज़—का सामना करना पड़ा। इस बीमारी में शरीर के एड्रेनल ग्लैंड्स कोर्टिसोल जैसे ज़रूरी हार्मोन बनाना बंद कर देते हैं। डॉक्टरों ने उन्हें हर आठ घंटे में स्टेरॉयड हाइड्रोकार्टिसोन लेने की सलाह दी थी, और कहा गया था कि उन्हें पूरी जिंदगी ये दवा लेनी पड़ेगी। लेकिन सुष्मिता सेन ने न सिर्फ इस बीमारी पर काबू पाया, बल्कि स्टेरॉयड दवा लेना भी बंद कर दिया। मेडिकल विशेषज्ञ इसे चमत्कार से कम नहीं मान रहे।
क्या होता है एडिसन डिज़ीज़?
एड्रेनल ग्लैंड्स शरीर में किडनी के ऊपर मौजूद छोटे-छोटे त्रिकोणीय ग्रंथियां होती हैं। इनका काम कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरोन जैसे हार्मोन बनाना होता है, जो शरीर के मेटाबोलिज्म, ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस रिस्पॉन्स को नियंत्रित करते हैं। जब यह ग्रंथियां ठीक से काम नहीं करतीं, तो शरीर कोर्टिसोल की भारी कमी का शिकार हो जाता है। इस स्थिति को एड्रेनल इन्सफिशिएंसी या एडिसन डिज़ीज़ कहते हैं।
सुष्मिता सेन ने कैसे हराई बीमारी?
बीमारी के शुरुआती दौर में सुष्मिता की ज़िंदगी पूरी तरह दवाओं पर निर्भर हो गई थी। उन्हें हर 8 घंटे में स्टेरॉयड लेना होता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी जीवनशैली में बड़ा बदलाव किया—
- जिम्नास्टिक और एंटी-ग्रेविटी वर्कआउट
- एरियल योगा और डीटॉक्स प्रोग्राम्स
- नियमित मेडिटेशन और फिजिकल ट्रेनिंग
इन सबका असर कुछ ही महीनों में दिखने लगा। एक मेडिकल इमरजेंसी के दौरान अस्पताल में हुई जांच में डॉक्टरों को हैरान कर देने वाली रिपोर्ट मिली—उनके शरीर ने खुद से कोर्टिसोल बनाना शुरू कर दिया था। डॉक्टरों ने तीन बार रिपोर्ट क्रॉस चेक की, और हर बार नतीजा एक ही था। अब सुष्मिता को स्टेरॉयड लेने की जरूरत नहीं रही।
कितनी गंभीर है यह बीमारी?
एडिसन डिज़ीज़ को लाइलाज माना जाता है और आमतौर पर यह आजीवन चलती है। इसमें शरीर के मिनरल बैलेंस, खासकर सोडियम और पोटैशियम पर असर पड़ता है। यही हार्मोन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं, इसलिए बीमारी के कारण ब्लड प्रेशर तेजी से गिर सकता है, जिससे मरीज को बेहोशी या शॉक तक आ सकता है। बिना इलाज के यह जानलेवा हो सकती है।
क्या हैं इसके लक्षण?
एडिसन डिज़ीज़ के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और आम बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जैसे:
- बार-बार मतली या उल्टी होना
- पेट में दर्द या ऐंठन
- बार-बार डायरिया
- भूख न लगना
- अचानक वजन कम होना
- मांसपेशियों में कमजोरी या जोड़ों का दर्द
- दिनभर थकावट और सुस्ती महसूस होना
क्या यह बीमारी रिवर्स हो सकती है?
ज्यादातर मामलों में एडिसन डिज़ीज़ को सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, ठीक नहीं। लेकिन सुष्मिता सेन का मामला एक अपवाद बन गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि नियमित फिटनेस, स्ट्रेस कंट्रोल और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स को बेहतर बनाया जा सकता है। हालांकि यह बेहद दुर्लभ है कि शरीर दोबारा खुद से कोर्टिसोल बनाना शुरू कर दे।