पुरी भगदड़ : भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भगदड़, 3 की मौत, 10 से ज्यादा घायल

पुरी भगदड़ : ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान रविवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हुआ है। लगभग साढ़े चार बजे सुबह, जब श्रद्धालु श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने भगवान के दर्शन के लिए भारी संख्या में जमा थे, उसी समय वहां भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है और 10 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं। घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

कैसे बना भगदड़ का माहौल?

यह घटना श्रीगुंडिचा मंदिर के पास शरधाबली के माहौल में हुई, जहां रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी थी। भीड़ को नियंत्रित करना कठिन हो गया और धीरे-धीरे धक्का-मुक्की और भगदड़ की स्थिति बन गई। कई श्रद्धालु जमीन पर गिर पड़े और स्थिति विस्फोटक हो गई। इसी दौरान, तीन श्रद्धालु भीड़ के नीचे दब गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत

मृतकों की पहचान खुर्दा जिले के रहने वाले प्रभाती दास, बसंती साहू और 70 वर्षीय प्रेमाकंत महांती के रूप में हुई है। तीनों ही श्रद्धालु भीड़ में दब गए थे। मृतकों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। हादसे के बाद आसपास के श्रद्धालु और स्थानीय लोग मदद के लिए आगे आए और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

हादसे में घायल हुए श्रद्धालुओं को तत्काल 108 एम्बुलेंस के जरिए पुरी जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल प्रशासन की टीम राहत और इलाज में जुटी है। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें विशेष चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है।

जगन्नाथ रथ यात्रा

पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है। प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए पुरी पहुंचते हैं। इस आयोजन के दौरान, भगवान को श्रीमंदिर से बाहर निकालकर श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जहां वे कुछ दिन विश्राम करते हैं। यह यात्रा पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाती है, लेकिन इस बार का हादसा श्रद्धालुओं के मन को झकझोर कर रख गया है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

हादसे की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस और जिला प्रशासन ने घायलों का हाल जानने के साथ ही, घटना की जांच शुरू कर दी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

यह हादसा देश की सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर बल देता है।

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