
पाकिस्तान। शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें एक विस्फोटकों से लदी गाड़ी सैन्य काफिले में घुसा दी गई। इस दर्दनाक घटना में 13 पाक सैनिक शहीद हो गए हैं। डॉन न्यूज ने इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के हवाले से जानकारी दी है कि इस हमले को फितना-अल-खवारिज नामक आतंकवादी समूह ने अंजाम दिया है।
आत्मघाती हमले में 13 पाक सैनिक मारे गए
पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता ने बताया कि हमला शनिवार को हुआ, जब विस्फोटकों से भरी गाड़ी काफिले में घुस गई। इस हमले में 13 सैनिक शहीद हो गए हैं, जबकि अन्य घायल हैं। सेना ने बताया कि आतंकवादी संगठन फितना-अल-खवारिज ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अभी तक इस हमले के पीछे के मकसद या आतंकवादी समूह के संबंधों का खुलासा नहीं हो सका है।
इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। सेना ने बताया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
हालांकि, इस हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने भारत पर आरोप लगाने की कोशिश की। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने दावा किया कि यह हमला भारत की हरकत हो सकता है। इसके जवाब में, भारत ने रविवार (29 जून, 2025) को पूरी तरह से इस दावे का खंडन किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पाकिस्तान का यह आरोप निराधार और बकवास है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “हमने पाकिस्तानी सेना का एक आधिकारिक बयान देखा है, जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है। हम इस बयान को पूरी अवमानना के साथ खारिज करते हैं।” उन्होंने कहा कि भारत इस तरह के निराधार आरोपों का कोई आधार नहीं है और यह सब पाकिस्तान की अपनी गलतियों को छुपाने का प्रयास है।
इस बीच, पाकिस्तान का यह दावा कि भारत ने इस हमले के पीछे हाथ है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी आलोचना का सामना कर रहा है। स्थानीय और वैश्विक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के आरोप पाकिस्तान की ओर से अपनी जिम्मेदारी से ध्यान भटकाने का प्रयास हैं।