महामंगोल बौद्ध विहार परिसर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा अब रात की भी रोशनी में नजर आएगी

  • प्रमुख बौद्ध तीर्थ एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध : जयवीर सिंह
  • सनातन के साथ बौद्ध व जैन धर्म की जड़ें भी यहां से जुड़ी हैं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद स्थित महामंगोल बौद्ध विहार परिसर में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा अब रात की भी रोशनी में नजर आएगी। इस ऐतिहासिक स्थल पर फसाड लाइटिंग की व्यवस्था के लिए लगभग 80 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके तहत प्रतिमा और परिसर की भव्यता रात के समय और बढ़ जाएगी, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि प्रदेश स्थित बौद्ध स्थलों को पर्यटक अनुकूल बनाया जाए, ताकि देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि श्रावस्ती राज्य का प्राचीन शहर है। सनातन के साथ बौद्ध व जैन धर्म की जड़ें भी यहां से जुड़ी हैं। ऐसे में यह क्षेत्र पर्यटन व धार्मिक यात्रा के लिए आगंतुकों को रास आता है। देश ही नहीं दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलंबी हर साल यहां भ्रमण के लिए आते हैं। पर्यटक सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण से आगंतुकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
झील, नदी, पहाड़ व जंगल से घिरा श्रावस्ती जिला अध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। श्रावस्ती भगवान बुद्ध की प्रमुख कर्मस्थलियों में से एक है, जहां उन्होंने जीवन के सबसे अधिक वर्षावास व्यतीत किए। दुनियाभर से आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है। अब फसाड लाइटिंग के जरिए इस स्थल की भव्यता को और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इस पूरे परिसर में रोशनी की ऐसी व्यवस्था की जाएगी, कि वह 360 डिग्री से देखने पर समान रूप से भव्य नजर आएगा। विशेष त्योहारों और अवसरों पर थीम आधारित बहु-स्तरीय प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में श्रावस्ती में कुल 1,27,222 पर्यटक आए थे। इनमें 1,20,540 घरेलू पर्यटक जबकि 6,682 विदेशी आगंतुक थे। विभाग को उम्मीद है कि उनके प्रयासों का सकारात्मक प्रतिफल सामने आएगा। श्रावस्ती आने वाले जेतवन महाविहार, अंगुलिमाल गुफा, आनंद बोधि वृक्ष सहित महात्मा बुद्ध से जुड़े अन्य स्थलों की सैर करते हैं।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सरकार श्रावस्ती को एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग का सतत प्रयास है कि श्रावस्ती की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को वैश्विक पहचान दिलाई जाए। इस दिशा में फसाड लाइटिंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है, जिससे न केवल श्रद्धालु बल्कि आम पर्यटक भी आकर्षित होंगे। फसाड लाइटिंग की समुचित व्यवस्था न केवल श्रद्धालुओं बल्कि आम पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी। यह पहल पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देने का कार्य करेगी।

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