
सोना खरीदना हर भारतीय परिवार के लिए सिर्फ एक ज़ेवर नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और आर्थिक निवेश होता है। यह पारंपरिक, सांस्कृतिक और फाइनेंशियल – तीनों दृष्टिकोण से बेहद अहम होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर यह खरीदारी सोच-समझकर न की जाए तो आपका पैसा फंस भी सकता है? यहाँ हम आपके लिए लाए हैं 5 जरूरी टिप्स, जो सोने के गहने खरीदने से पहले जानना बेहद जरूरी है
1. BIS हॉलमार्क: शुद्धता की पहचान
सोने की शुद्धता की गारंटी केवल BIS हॉलमार्क ही दे सकता है।
- यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त प्रमाण चिन्ह होता है।
- इसमें तीन जरूरी बातें होती हैं: कैरेट संख्या (जैसे 22K या 18K), BIS लोगो, और जौहरी की पहचान संख्या।
टिप: बिना हॉलमार्क के गहनों से बचें – यह सबसे पहली और अहम बात है।
2. खरीदारी से पहले रिसर्च करें
आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से तुलना करना जरूरी है।
- डिज़ाइन्स, वेट, मेकिंग चार्ज और रिव्यू की तुलना करें।
- बाजार के ट्रेंड को समझें और जानें कि कब सोना खरीदना सबसे फायदेमंद होता है (जैसे धनतेरस या शादियों का सीज़न)।
टिप: ब्लाइंडली किसी की सलाह पर न जाएं, खुद थोड़ी जानकारी जरूर लें।
3. विश्वसनीय ज्वेलर का चुनाव करें
हर गहनों की दुकान भरोसे के लायक नहीं होती।
- पुरानी और प्रतिष्ठित दुकानों से ही खरीदें, जो लंबे समय से सेवा में हों।
- दुकानदार की ग्राहक सेवा, एक्सचेंज पॉलिसी और ग्राहकों के फीडबैक पर ध्यान दें।
टिप: लोकल से ज्यादा भरोसेमंद नामी ब्रांड या BIS-प्रमाणित दुकानों को प्राथमिकता दें।
4. वापसी और एक्सचेंज पॉलिसी जानें
कभी-कभी खरीदा गया गहना पसंद नहीं आता, या उसमें कोई कमी नजर आ जाती है।
- खरीदने से पहले यह जरूर पूछें कि अगर गहना बदलना हो या वापस करना हो, तो क्या शर्तें होंगी।
- क्या रीसाइजिंग या डिज़ाइन में बदलाव की सुविधा मिलेगी?
टिप: एक स्पष्ट और ग्राहक-हितैषी पॉलिसी ही आपकी सुरक्षा है।
5. गारंटी/वॉरंटी कार्ड जरूर लें
आप जो भी गहना खरीदें, उसका गारंटी या प्रमाण पत्र (Certificate of Authenticity) जरूर लें।
- इसमें गहने का पूरा विवरण, वजन, डिज़ाइन नंबर, शुद्धता आदि दर्ज होता है।
टिप: यह भविष्य में एक्सचेंज, बिक्री या शिकायत की स्थिति में बेहद जरूरी होता है।
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