बिहार चुनाव में PK की हार-जीत दोनों बदलेंगे चुनावी समीकरण, इस दल को जिताएंगे ‘किंग मेकर’

Bihar Chunav 2025 : बिहार चुनाव अब अपने चुनावी रण की ओर बढ़ रहा है।। भीषण गर्मी में सभी नेता जनता के सामने पसीना बहा रहे हैं। बयानबाजियों दावों, आरोपों व प्रत्यारोपों की माने तो आंधी सी चल पड़ी है। इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव बेहद खास होने वाला है। क्योंकि एक दूसरे से गलबहियां करते और तोड़ते चाचा भतीजा यानी नीतीश और तेजस्वी यादव एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे।

यूं तो बिहार में पिछले 20 सालों से ऐसा कुछ होता आया लेकिन इस चुनाव में एक पुराना चेहरा और एक नई पार्टी नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और बीजेपी का जायका खराब कर सकती है। कुछ ऐसा ही अंदाजा लगाया जा रहा है। बहरहाल, उनका चेहरा आपके जहन में आ गया होगा। बिल्कुल सही समझे आप, उनका नाम प्रशांत किशोर है जो अबतक किंग मेर की भूमिका में थे। अब बिहार की सत्ता पाने के लिए चुनावी जंग में कूद चुके हैं।

प्रशांत किशोर बिहार में बदलाव लाना चाहते हैं। इस बात को समझाने के लिए वे बिहार के भ्रमण पर पिछले तकरीबन दो सालों से लगे हुए हैं। नीतीश और तेजस्वी के बाद प्रशांत किशोर तीसरे ऑप्शन हैं। बिहार के राजनैतिक जानकारों के मुंह से भी यह बातें निकलनी शुरू हो गई। प्रशांत किशोर अच्छी टक्कर दे सकते हैं। लेकिन जहां तक प्रशांत किशोर की बात है, उहोंने ऐसा दावा तो कभी नहीं किया कि वो बिहार की सत्ता पर काबिज होंगे या फिर बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी जीत होगी। एक मीडिया साक्षात्कार में कुछ ऐसी बात की जिससे प्रशांत किशोर की ही मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। उनके इस बयान को लेकर सवाल उठने लगे कि क्या प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली।

एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने यह कहा कि नवंबर के बाद नीतीश कुमार सीएम नहीं रहेंगे। उनकी इस बात पर इंटरव्यू करने वाले तपाक से सवाल करते हैं। नीतीश नहीं तो कौन बनेगा? बिहार का मुख्यमंत्री प्रशांत किशोर बिहार के सीएम होंगे क्या जन स्वराज की जीत होगी। इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा कि इस बार बिहार में बदलाव तो होगा लेकिन जन स्वराज की जीत नहीं होगी तो क्या प्रशांत किशोर यह कह रहे हैं कि उकी नई नवेली पार्टी कम से कम इस बार तो बिहार में बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठेगी। प्रशांत किशोर की इश बात में दो बातें निकल रही हैं। पहला यह कि वे अपनी पार्टी के बारे में आकलन कर चुके हैं और इस बात को सबके सामने कह भी रहे हैं और दूसरा यह कि जब वे नीतीश कुमार की हार होने का आकलन कर रहे हैं तो बीजेपी की भी हार मान रहे हैं। क्योंकि जेडीयू और बीजेपी गठबंधन बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेदा।

ऐसे में तो कवेल एक ही पार्टी रह जाती है और वो है आरजेपी तो क्या प्रशांत किशोर का यह आकलन है कि बिहार में इस बार तेजस्वी सरकार बनेगी और विपक्ष में जन स्वराज यानी कि प्रशांत किशोर बैठेंगे। लेकिन अगर ऐसा होता है तो बिहार में बदलाव वाली बात हो साबित नहीं होती। क्योंकि आरजेडी बिहार में 15 सालों तक सत्ता पर काबिज हो चुकी है तो वह किस बदलाव की बात कर रहे हैं। क्योंकि जनता के बीच खुद प्रशांत किशोर यह कहते नजर आए कि जन स्वराज ही बिहार में बदलाव लाएगी तो क्या प्रशांत किशोर ने इस इंटरव्यू के जरिए बाकी पार्टियों को गुगली फेंकी कि खुद को हारा बताएं और जमीनी स्तर पर काम करते हुए बिहार की सत्ता पर काबिज हो जाएं। उनका यह बयान महज राजनैतिक चाल है या फिर वाकई वो अपनी हार मान चुके हैं।

कहना तो मुश्किल है लेकिन फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और पीएम मोदी व तेजस्वी यादव का खेल तो बिगड़ सकता है। भले ही जीत हासिल हो या न हो। प्रशांत किशोर के इश बायन पर आपकी क्या राय है?

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