Biomass Programme : बायोमास कार्यक्रम के लिए मानदंडों में संशोधन को अधिसूचित किया गया

नई दिल्ली : नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्वच्छ ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देने, व्यापार को आसान बनाने और देश में बायोमास प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाने के लिए बायोमास कार्यक्रम के लिए जारी संशोधित दिशा-निर्देश को अधिसूचित किए हैं।

मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम के चरण-I के तहत बायोमास कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए लागू हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देना, व्यापार करने में आसानी लाना और पूरे भारत में बायोमास प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाना है।

मंत्रालय ने नए ढांचे के तहत कई प्रक्रियाओं को सुगम बनाया है, जैसे कि कागजी कार्रवाई में कटौती और अनुमोदन आवश्यकताओं को सरल बनाना, जिससे उद्योग विशेष रूप से एमएसएमई को अपना उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये बदलाव पराली प्रबंधन में सुधार और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने के भारत के व्यापक लक्ष्य के साथ अच्छी तरह से संरेखित हैं। इन संशोधन की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें तकनीकी एकीकरण किया गया है, जिसके तहत एससीएडीए जैसी महंगी और उच्च तकनीक वाली प्रणालियों के बजाय IoT-आधारित निगरानी समाधान या तिमाही डेटा सबमिशन का उपयोग किया जा सकेगा।

मंत्रालय के मुताबिक यह लागत प्रभावी कदम डिजिटल निगरानी और जवाबदेही को बढ़ावा देता है, खासकर छोटे व्यवसाय संचालकों के लिए। दिशा-निर्देश दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं के महत्वपूर्ण सरलीकरण को भी प्रोत्साहित करते हैं। ब्रिकेट और पेलेट निर्माण संयंत्रों के डेवलपर्स को अब मंजूरी मामलों से संबंधित कई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बदलाव से समय की बचत होगी और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।

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