
New BJP President : राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में तेजी से तैयारियां चल रही हैं। जानकारी के अनुसार, पार्टी के 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव अनिवार्य है, लेकिन अब तक केवल 14 राज्यों में ही ऐसा हो पाया है।
21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले, भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। पार्टी की योजना है कि जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक समेत करीब एक दर्जन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए। इस क्रम में, राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ. के लक्ष्मण ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, किरेन रिजिजू और सांसद रविशंकर प्रसाद को क्रमशः उत्तराखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।
बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव जरूरी है। अभी तक पार्टी केवल 14 राज्यों में ही ऐसा कर पाई है। वहीं, निर्वाचक मंडल बनाने की प्रक्रिया भी चुनौतियों से भरी है। इस मंडल में शामिल सदस्य राष्ट्रीय और राज्य परिषद के नेता होते हैं। इन परिषदों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों की भागीदारी करीब 50 फीसदी है। इसलिए प्रदेश संगठन के चुनाव के बाद ही इन परिषदों का कोटा पूरा कर निर्वाचक मंडल का गठन संभव हो पाएगा।
उत्तर प्रदेश पर सबसे ज्यादा चर्चा
2024 के लोकसभा चुनाव में हुए झटकों के कारण उत्तर प्रदेश पार्टी नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी सिरदर्द बन गया है। यहां बड़े बदलाव और नई रणनीति के तहत व्यापक मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व को ओबीसी वोट बैंक को फिर से खींचने और सपा-कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए नई योजनाएं बनानी हैं। प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें संगठनात्मक बदलाव भी शामिल हैं।
दलित और दक्षिण भारत पर ध्यान
फिलहाल, नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व सियासी कारणों से दलित वर्ग और दक्षिण भारत को विशेष महत्व देना चाहता है। विपक्ष भाजपा और मोदी सरकार पर आरक्षण और संविधान को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगा रहा है। ऐसे में पार्टी की नजरें दक्षिण भारत के राज्यों पर हैं। माना जा रहा है कि नया अध्यक्ष या तो दलित बिरादरी का हो सकता है या फिर दक्षिण भारत से संबंधित हो सकता है।
संगठन में नए बदलाव की तैयारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद, पार्टी संगठन को नए सिरे से मजबूत करने का लक्ष्य है। इस क्रम में, राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में 60 से 70 प्रतिशत बदलाव किए जाएंगे। पार्टी का मानना है कि इन बदलावों के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को संगठन में प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही, संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति जैसी सबसे ताकतवर इकाइयों में भी बड़े बदलाव की योजना है। इससे पार्टी को नई ऊर्जा और व्यापक आधार प्राप्त करने की उम्मीद है।