
वाराणसी के मंडुआडीह थाना क्षेत्र का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें पीड़ित आकाश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि थाना क्षेत्र के वरिष्ठ दारोगा ने उसके साथ जबरदस्ती किया और उसके पैंट में अवैध हथियार और कारतूस रख दिए। इसके बाद, दारोगा ने उससे कहा कि यदि वह 50 हजार रुपये दे दे, तो उसे चालान नहीं किया जाएगा और मामला 151 के तहत कार्रवाई नहीं होगी। पीड़ित का कहना है कि सुबह जमानत कराकर घर लौटते समय, दोनों तरफ से बातचीत हुई और रिश्वत की रकम तय हुई।
बाद में पीड़ित ने बताया कि तीन दिन बाद, वह एंटी करप्शन टीम के पास पहुंचा और पैसे देने के लिए थाने गया। इसी दौरान, टीम ने दोनों आरोपियों एक वरिष्ठ दारोगा और एक हेड कांस्टेबल को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। दोनों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब आकाश गुप्ता ने बताया कि वाइन शॉप के साथ उसकी अनबन के कारण मंडुआडीह पुलिस उसकी परेशानियां बढ़ाने लगी थी। उसने कहा कि पहले उसकी तलाशी ली गई, लेकिन कुछ नहीं निकला। फिर, दूसरी बार तलाशी लेने पर, उसके पास से बंदूक और कारतूस बरामद हुए। पीड़ित ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ दारोगा ने जबरदस्ती उसके पैंट में हथियार रख दिए और उससे रिश्वत की मांग की। उसने कहा कि यदि वह 50 हजार रुपये नहीं देता, तो वह उसके खिलाफ लंबी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज देगा।
आकाश और उसके भाई ने पैसे कमाने की बात कही, तो रिश्वत की रकम 35,000 रुपये तय हुई। पीड़ित ने पूछा कि क्या अन्य दरोगा और कांस्टेबल से भी पैसे लेने होंगे, तो वरिष्ठ दारोगा ने कहा कि अब किसी से कुछ नहीं लेना पड़ेगा। हालांकि, बाद में, दबाव बनाने लगे कि अभय नाथ तिवारी नाम का अधिकारी भी पैसा चाहता है।
दो दिन से परेशान कर रहे आरोपियों का सामना करने के बाद आकाश को मजबूरन एंटी करप्शन टीम का सहारा लेना पड़ा। आज उसने 15,000 रुपये रिश्वत की रकम दी। इस दौरान सीनियर कांस्टेबल शक्ति सिंह यादव भी मौजूद थे। टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।