
भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर नियुक्त किए जाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जब इस पद के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन अनिवार्य है, तो सिर्फ 9वीं कक्षा तक पढ़े रिंकू सिंह को इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी जा रही है?
रिंकू सिंह की पढ़ाई सिर्फ 9वीं तक!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिंकू सिंह ने हाई स्कूल तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं की है और वे केवल नौवीं कक्षा तक ही पढ़ पाए हैं। इसके बावजूद उन्हें बीएसए जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया है, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षणिक योग्यता बनाम सरकारी पद को लेकर बहस छिड़ गई है।
तो फिर कैसे मिली ये नियुक्ति?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ साल पहले एक नई खेल नीति लागू की थी, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में शामिल करना है। इसके तहत “अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली” बनाई गई है, जिसके अंतर्गत शैक्षणिक योग्यता में छूट दी जा सकती है।
इसी नियम के तहत रिंकू सिंह समेत कुल 8 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्त करने की अनुमति दी गई है। बताया गया है कि सभी खिलाड़ियों के दस्तावेजों की विधिवत जांच के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
प्रेरणा देने की मंशा
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे खिलाड़ियों की नियुक्ति का उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्रेरित करना है। जब युवा देखेंगे कि किसी खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करके सरकारी सेवा में स्थान पाया है, तो वे भी खेलों के प्रति आकर्षित होंगे और अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित होंगे।
रिंकू सिंह का क्रिकेट सफर
रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत करके खुद को साबित किया। अब तक वे भारत के लिए 33 टी20 मैचों में 546 रन बना चुके हैं और 2 वनडे मैचों में भी हिस्सा लिया है। उनकी अगली सीरीज़ अगस्त में बांग्लादेश के खिलाफ हो सकती है, जिसमें वे फिर से टीम इंडिया के लिए मैदान पर उतरेंगे।