बिहार में चुनाव चिन्ह आवांटित, जानिए किसको मिला गैस सिलेंडर और किसको लेडीज पर्स! PK को मिला स्कूली बस्ता

Bihar Chunav 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने बिहार में चुनाव चिन्ह सभी क्षेत्रीय दलों को आवंटित कर दिए हैं, जिससे चुनावी समीकरण और भी दिलचस्प हो गए हैं। चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन स्वाराज पार्टी को स्कूल बैग चुनाव चिन्ह आवंटित किया। पार्टी के सभी 243 प्रत्याशी इसी चिन्ह पर आगामी चुनाव में उतरेंगे जन स्वाराज पार्टी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा स्कूल बैग शिक्षा और प्रगति का प्रतीक है।

गौरतलब है कि जन स्वराज बिहार की उभरती हुई राजनीतिक ताक है जिसकी स्थापना प्रसिद्ध चुनावी रणनतीककार प्रशांत किशोर ने की। पीके ने पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव जैसे दिग्गज नेताओं के लिए रणनीति बनाकर चुनाव जीत दिलाई थी। विशेष रूप से 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत में उनका योगदान रहा। मुकेश सहनी की विकासशईल इंसान पार्टी को उनका पुराना और प्रिय नाव चुनाव चिन्ह एक बार फिर से मिल गया है।

इस संबंध में चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह फैसला संविधान और सामाजिक न्याय की भावना की जीत है। उन्होंने बताया कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में पार्टी की अस्थाई रूप से पर्स चुनाव चिन्ह मिला था। लेकिन इस बार तमाम प्रक्रियाओं को पूरा कर पार्टी को फिर से उनका मूल चिन्ह नाव प्राप्त हो गया है।

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम की बात की जाए तको राष्ट्रीय लोक मोर्चा को स्थाई रूप से गैस सिलेंडर चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है। इस संबंध में पार्टी के बिहार प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावम  पार्टी के सभी प्रत्याशी गैस सिलेंडर चिन्हपर चुनाव लड़ेंगे। राम पुकार सिन्हा ने इस फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि यह चुनाव चिन्ह आम आदमी की रसोई और जरूरतों से जुडा हुआ है जो उनकी पार्टी की नीतियों को जनता तक सीधे पहुंचाने में मदद करेगा। तीनों क्षेत्रीय दलों को मिले इस चुनाव चिन्ह के साथ अब बिहार की चुनावी तस्वीर धीरे-धीरे स्पष्ट होती जा रही है। चहां जन स्वराज शिक्षा और विकास की बात कर रही है।

वहीं, वीआईपी अपनी पारंपरिक सामाजिक न्याय की राजनीति को फिर से धार देने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा गैस सिलेंडर के जरिए आम लोगों के मुद्दे को केंद्र में लाना चाह रही है। आगामी चुनाव में यह चिन्ह ना केवल पार्टियों की पहचना बनेंगे बल्कि उनकी नीतीयों और जनसंपर्क अभियानों में भी भूमिका निभाएंगे।

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