
चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में कई जनकल्याणकारी निर्णय लिए गए। बैठक में कुल 32 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे अहम फैसला शहीद जवानों और अर्धसैनिक बलों के शहीदों के बच्चों को छात्रवृत्ति देने की योजना को लागू करना रहा।
सरकार ने निभाया वादा, उससे भी आगे बढ़ाया कदम
बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“हमारी सरकार ने चुनावी संकल्प पत्र में सैन्य सेवाओं के वीर शहीदों के बच्चों को छात्रवृत्ति देने का वादा किया था। अब हम न केवल उस वादे को निभा रहे हैं, बल्कि इससे आगे बढ़कर शहीद अर्धसैनिक बलों के बच्चों को भी इस योजना में शामिल कर रहे हैं।”
छात्रवृत्ति योजना की प्रमुख बातें
यह योजना प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य शहीद परिवारों के बच्चों को शिक्षा में सहयोग प्रदान करना है। योजना के तहत छात्रवृत्ति की राशि निम्नानुसार तय की गई है:
- कक्षा 6 से 12 तक: ₹60,000 प्रति वर्ष
- स्नातक (Graduation) स्तर: ₹72,000 प्रति वर्ष
- स्नातकोत्तर (Post-Graduation) स्तर: ₹96,000 प्रति वर्ष
कुल लाभार्थी और बजट आवंटन
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत पहले चरण में 189 छात्रों को लाभ मिलेगा। इन छात्रों को कुल मिलाकर ₹1 करोड़ 31 लाख 64 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
“शहीदों के बच्चों की शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगी।” — नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री
इस बैठक में अन्य 31 प्रस्ताव भी पास किए गए, जो प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा से जुड़े हैं। सरकार का कहना है कि वह “विकास और सेवा” के मंत्र के साथ आम लोगों तक योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
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