
Bihar AI Politics : बिहार विधानसभा चुनाव की घड़ी अभी काफी दूर है, लेकिन राजनीतिक दलों ने प्रचार का नया हथियार अपना लिया है। इस बार चुनावी जंग में लाइट, कैमरा और एक्शन का स्तर बढ़ गया है। पार्टीें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे वे अपनी चुनावी रणनीति को धार दे रही हैं, विरोधियों पर हमले कर रही हैं और जनता का मनोरंजन भी कर रही हैं।
AI ने शुरू किया चुनावी वीडियो का डिजिटल युद्ध
राजनीतिक दल अब सोशल मीडिया पर अपने-अपने वीडियो रिलीज कर रहे हैं। इनमें विरोधियों की कमजोरियों को उजागर किया जा रहा है, उनकी नाकामियों को दिखाने की कोशिश की जा रही है। यह वीडियो न सिर्फ चुनाव प्रचार का हिस्सा हैं, बल्कि जनता के बीच चर्चा का विषय भी बन गए हैं।
राजद का वीडियो और सरकार पर सवाल
खासतौर पर विपक्षी दल राजद ने इन वीडियो का खूब प्रयोग किया है। हाल में ही जारी एक वीडियो में सरकार को निशाने पर लिया गया है। इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने बोर्ड और निगमों में रेवड़ियों का वितरण किया है। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि सरकार किसानों की बर्बाद फसलों या पुलों की चिंता नहीं कर रही, बल्कि अपने दामाद की चिंता में लगी है।
AI ने पीएम मोदी का डांस करते हुए बनाया वीडियो
दरअसल, AI तकनीक का इस्तेमाल कर बनाए गए इस वीडियो में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और एक मंत्री को नाचते-गाते भी दिखाया गया है।
AI ने कांग्रेस का बनाया वीडियो
कांग्रेस भी इन वीडियो में पीछे नहीं है। “ऑपरेशन सिंदूर” और “युद्ध विराम” जैसी रणनीतियों के जरिए कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। हाल में कांग्रेस ने एक AI वीडियो जारी किया है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया है कि वे “नरेंदर नाम मेरा, सरेंडर काम मेरा” गा रहे हैं।
भाजपा और जदयू का पलटवार
विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष भी अपने तरीके से जवाबी हमला कर रहा है। भाजपा ने बीते शुक्रवार को एक वीडियो रिलीज किया जिसमें भोजपुरी गायक पवन सिंह के गाने को रिमिक्स कर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की तस्वीरें दिखाई गई हैं। इस वीडियो में लालू राज के दौरान बिहार में अपराध का बोलबाला दिखाया गया है, जैसे अपहरण, डकैती, हत्या, रंगदारी, और अपराध की बाढ़। दावा किया गया है कि उस समय बिहार थर्रा रहा था।
इसके पहले भाजपा ने “गैंग ऑफ घोटालेबाज” नाम का वीडियो भी जारी किया था। वहीं, जदयू ने भी अपने एक वीडियो में लालू यादव के राज को परिवारवाद का दौर बताया है। उसमें यह भी दिखाया गया है कि 2005 से पहले और बाद की तस्वीरें कैसे बदलीं, और किस तरह लालू राज में बेटियों की शादी और गाड़ियों की लूट आम बात थी।
चुनाव प्रचार का नया दौर और आने वाले दिन
बता दें कि नेताओं और मंत्रियों के ऐसे वीडियो बनाने की अभी तो शुरुआत हुई है। जैसे-जैसे चुनाव का समय करीब आएगा, इन वीडियो और ऑडियो हमलों की संख्या बढ़ेगी। दल अपने-अपने मुद्दों को सामने लाने के साथ-साथ विरोधियों पर जमकर हमला करेंगे। डिजिटल युद्ध के इस नए दौर में चुनावी मैदान का स्वरूप भी बदल रहा है।
AI द्वारा चुनाव जैसे गंभीर प्रक्रिया के दौरान भारतीय मंत्रियों और नेताओं के इस तरह वीडियो बनाना सोशल मीडिया पर लोगों के बीच देश की गरिमा को नुकसान पहुंचा रही है। इससे यह कहा जा सकता है कि एआई तकनीकि राजनीतिक एजेंडे से अछूती नहीं है। अगर, इसपर रोक नहीं लगी तो आने वाले समय में एआई भारतीय चुनावों को प्रभावित कर सकता है।