
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी, जिससे न केवल कप्तानी पर सवाल उठे बल्कि टीम चयन और रणनीति भी कटघरे में आ गई। रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी में युवा शुभमन गिल को कप्तानी सौंपी गई थी, लेकिन उनका पहला टेस्ट बतौर कप्तान नाकाम रहा।
निचले क्रम की नाकामी बनी हार की वजह
पहले टेस्ट की दोनों पारियों में भारत के शीर्ष क्रम ने मजबूत शुरुआत दी, लेकिन निचले क्रम का योगदान न के बराबर रहा। जब टीम को 400 के पार जाना चाहिए था, वहां अंतिम बल्लेबाजों की विफलता ने स्कोर सीमित कर दिया। दूसरी पारी में भी यही दोहराया गया, जिससे इंग्लैंड को चौथी पारी में बड़ा लक्ष्य नहीं मिला।
गेंदबाजों का असर नहीं दिखा, बुमराह अकेले जूझते रहे
भारत के गेंदबाजों की बात करें तो जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट लेकर धमाल मचाया, लेकिन दूसरी पारी में वह एक भी विकेट नहीं ले सके। दूसरी तरफ, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर लगातार असंतुलित लाइन और लेंथ के कारण इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाए। इससे मैच भारत के हाथ से फिसल गया।
कोच गौतम गंभीर ने किया शार्दुल का बचाव
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने शार्दुल ठाकुर से कम गेंदबाजी कराने के फैसले का समर्थन किया, लेकिन यह भी माना कि उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं। शार्दुल ने मैच में सिर्फ 16 ओवर डाले और दोनों पारियों में मिलाकर सिर्फ 5 रन बनाए। भले ही पांचवें दिन उन्होंने लगातार दो विकेट लेकर हलचल मचाई, लेकिन उनकी गेंदों में धार की कमी साफ दिखी।
क्या कुलदीप और जडेजा एक साथ खेलेंगे?
दूसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया की प्लेइंग-11 को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इंग्लैंड में आमतौर पर चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार मौसम और पिच की प्रकृति को देखते हुए भारत दो स्पिनरों – रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव – के साथ उतर सकता है। हालांकि, जडेजा की गेंदबाजी पर भी सवाल उठे हैं क्योंकि वह पांचवें दिन की पिच का लाभ नहीं उठा सके।
तेज गेंदबाजों में बदलाव की उम्मीद कम
तेज गेंदबाजी आक्रमण में बड़ा बदलाव संभव नहीं है। जसप्रीत बुमराह की जगह सुनिश्चित है, जबकि मोहम्मद सिराज ने विकेट भले ही कम लिए हों, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजों को बांधे रखा। अर्शदीप सिंह को डेब्यू का इंतजार अभी और करना पड़ सकता है क्योंकि टीम मैनेजमेंट प्रसिद्ध कृष्णा को एक और मौका देने के पक्ष में है।
बल्लेबाजी में संतुलन, लेकिन संयम की कमी
बल्लेबाजी क्रम की बात करें तो टॉप ऑर्डर में संयम नजर आया, लेकिन मिडिल और लोअर मिडिल ऑर्डर ने दबाव में खराब शॉट्स खेलकर विकेट गंवाए। अगर भारत को अगले टेस्ट में वापसी करनी है, तो बल्लेबाजों को लंबी पारियां खेलनी होंगी और गेंदबाजों को एकजुट होकर विपक्षी टीम पर दबाव बनाना होगा।
एजबेस्टन में बदलेगा भाग्य?
दूसरा टेस्ट 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाएगा। यह भारत के लिए वापसी का मौका है। अगर टीम सही संयोजन और आक्रामक रणनीति के साथ उतरती है, तो सीरीज में बराबरी का रास्ता खुल सकता है।