2026 तक चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ेंगी केवल ई-बसें, पुराने डीजल वाहनों को किया जाएगा रिटायर

चंडीगढ़ : शहर को प्रदूषण मुक्त और हरित परिवहन की दिशा में अग्रसर करते हुए चंडीगढ़ परिवहन विभाग (CTU) ने एक बड़ा कदम उठाया है। साल 2026 के अंत तक चंडीगढ़ की सभी बसों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परिवर्तन की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए इस साल के अंत तक 100 नई इलेक्ट्रिक बसें चंडीगढ़ की सड़कों पर उतरेंगी। ये बसें CTU डिपो नंबर-4 से संचालित होंगी और मौजूदा 100 डीजल बसों की जगह लेंगी।

पुरानी डीजल बसें होंगी बाहर

इन डीजल बसों को वर्ष 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान विशेष योजना के तहत चंडीगढ़ को आवंटित किया गया था। अब ये बसें अपनी 15 साल की सेवा अवधि पूरी करने जा रही हैं और लगातार तकनीकी दिक्कतों तथा ईंधन खपत की वजह से संचालन में बाधा बन रही हैं। इन बसों को नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच चरणबद्ध रूप से सेवा से बाहर किया जाएगा।

केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार

100 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार से अनुदान भी स्वीकृत हो चुका है, लेकिन प्रशासनिक प्रक्रिया की देरी के कारण अब तक मंजूरी लंबित है। परिवहन विभाग ने आरएफपी भेजने और दिल्ली में प्रेजेंटेशन देने के बाद भी तीन महीने से उत्तर की प्रतीक्षा की है।

सोलर पैनल और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार

डायरेक्टर प्रद्युमन सिंह के मुताबिक, इलेक्ट्रिक बसों के लिए जरूरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पेशल जनरेटर, और सोलर पैनल की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही सेक्टर-25 में विशेष इलेक्ट्रिक बस डिपो भी तैयार किया जा रहा है।

नई डीजल बसें भी होंगी शामिल

इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ 40 नई गैर-एसी डीजल बसों की खरीद की भी योजना है, जो पुराने रूट्स और अंतरराज्यीय मार्गों पर चलेंगी। इन बसों में मोबाइल चार्जिंग पोर्ट, रीयल-टाइम जीपीएस ट्रैकिंग, और बेहतर यात्री सुविधा के इंतज़ाम होंगे।

फायदे: पर्यावरण से लेकर परिचालन तक

अधिकारियों के मुताबिक, ई-बसें डीजल के मुकाबले ज्यादा किफायती, पर्यावरण हितैषी और कम देखभाल वाली होती हैं। इससे शहर के प्रदूषण स्तर में कमी आएगी और यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी।

वर्तमान में CTU के पास क्या है?

  • 100 लंबी दूरी की डीजल बसें, जिनमें 100+ सवारी क्षमता है।
  • 400 से अधिक छोटी डीजल बसें, जो 50–60 यात्रियों को ले जाने में सक्षम हैं।

ये भी पढ़े – जबलपुर: पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया नोटिस, 21 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में 8वीं के छात्र से रैगिंग फिर मुश्किलों में एअर इंडिया भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का आरोप भारत-कनाडा के रिश्तों में जमी बर्फ पघली पठानकोट में अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग