
जबलपुर, मध्य प्रदेश : राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर कानूनी विवाद में फंस गए हैं। जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। यह मामला बीजेपी विधायक सुशील तिवारी उर्फ इंदु द्वारा दायर मानहानि याचिका से जुड़ा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई 2025 तय की है।
क्या है पूरा मामला?
15 मई 2023 को जबलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय सिंह ने पनागर सीट से विधायक सुशील तिवारी इंदु पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि इंदु तिवारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाले 50-60% राशन को बाजार में बेचते हैं। यह बयान मीडिया में काफी चर्चा में रहा और सिंह ने इसे अपने सोशल मीडिया पर भी साझा किया।
इंदु तिवारी ने किया मानहानि का दावा
बीजेपी विधायक इंदु तिवारी ने इसे अपनी छवि धूमिल करने वाला बताते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया। उनका कहना है कि वह एक प्रतिष्ठित जनसेवक हैं और ऐसे झूठे आरोपों से उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। तिवारी ने यह भी दावा किया कि इस बयान का असर चुनाव परिणामों पर भी पड़ा।
सार्वजनिक माफी की मांग
इंदु तिवारी ने दिग्विजय सिंह को कानूनी नोटिस भेजकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की थी। उनका कहना है कि अगर दिग्विजय सिंह अपने बयान को वापस लेकर माफी नहीं मांगते, तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।
कोर्ट का फैसला और अगली सुनवाई
कोर्ट ने तिवारी के बयान दर्ज करने के बाद माना कि अब दिग्विजय सिंह का पक्ष जानना जरूरी है। इसी के चलते कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है और उन्हें 21 जुलाई 2025 को कोर्ट में पेश होने को कहा है।