
तेहरान, यरुशलम। 12 दिनों तक चली सीधी टक्कर के बाद अब ईरान और इज़रायल के बीच तनाव थम गया है। अमेरिकी मध्यस्थता के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद ईरान ने अपना हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) फिर से खोल दिया है, जबकि इज़रायल ने स्कूल, दफ्तर और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं।
12 दिन की भीषण लड़ाई का अंत
पहली बार सीधे आमने-सामने आए ईरान और इज़रायल ने बीते 12 दिनों में मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों से एक-दूसरे पर जोरदार हमले किए। इस दौरान ईरान के कई सैन्य ठिकाने और परमाणु प्रतिष्ठान निशाना बने। अमेरिका ने खुलकर इज़रायल का समर्थन किया और ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर हवाई हमले किए।
ट्रंप ने खुफिया रिपोर्ट्स को बताया भ्रामक
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन खुफिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम “पूरी तरह नष्ट” हो गया है। ट्रंप ने कहा, “यह दावा गलत और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। वास्तविक स्थिति कुछ और है।”
यरुशलम में अमेरिकी दूतावास फिर खुला
जंग के चलते बंद किए गए यरुशलम स्थित अमेरिकी दूतावास को आज फिर से खोल दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अब हालात नियंत्रण में हैं और दूतावास सामान्य कामकाज शुरू कर देगा।
नेतन्याहू बोले – ईरान को दिया 50 साल का सबसे बड़ा झटका
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम से कुछ घंटे पहले दिए गए हमलों को “ऐतिहासिक” करार दिया। उन्होंने कहा, “हमने ईरान को पिछले 50 वर्षों का सबसे विनाशकारी झटका दिया है। उसके सैकड़ों सैन्य कारखाने, बेस और कमांडर नेस्तनाबूद हो गए हैं।”
नेतन्याहू ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई ईरान का परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू करने की कोशिश करेगा, तो इज़रायल उसे फिर खत्म कर देगा। “ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को समाप्त करना हमारा अटल संकल्प है,” उन्होंने कहा।
ईरान का दावा – हमने दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया
दूसरी ओर, ईरान की सरकारी मीडिया ने इस संघर्ष विराम को अपनी “रणनीतिक जीत” के रूप में प्रचारित किया है। सरकारी चैनलों ने दावा किया कि ईरानी मिसाइलों ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया और यही हमले युद्धविराम की वजह बने।
जनजीवन में लौट रही सामान्यता, पर सतर्कता कायम
सीजफायर लागू होने के बाद दोनों देशों के नागरिकों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, दोनों ही देशों की सेनाएं अभी भी अलर्ट पर हैं। सीमावर्ती इलाकों में नजर रखने के लिए ड्रोन और रडार सिस्टम सक्रिय रखे गए हैं।
क्या यह स्थायी शांति की शुरुआत है?
राजनयिक हलकों में चर्चा है कि यह युद्धविराम कितनी देर टिकेगा, इस पर सभी की निगाहें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका ने दोनों पक्षों पर दबाव डालकर फिलहाल एक अस्थायी ठहराव तो ला दिया है, लेकिन जब तक ईरान का परमाणु मुद्दा हल नहीं होता, तनाव की वापसी संभव है।