
- स्कूल से लौटने के बाद छोटे बेटे ने बेड के अंदर से निकाला
- रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान थम गईं मां की सांस
- मां का कातिल बेटा केंद्रीय विद्यालय में इंटरमीडियट छात्र
कानपुर। पिता मार्केटिंग की नौकरी के सिलसिले में शहर के बाहर रहते हैं। आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है, ऐसे में गृहस्थी के सहारे के लिए दोनों बेटों के हिस्से में घरेलू काम को बांट दिया था। मंगलवार को देर से जागने के कारण स्कूल का टाइम होने लगा तो छोटा बेटा बर्तन साफ किये बगैर चला गया। बड़ा बेटा तबीयत नासाज होने के कारण स्कूल नहीं गया था। मां ने दोपहर बाद बड़े बेटे से बर्तन साफ करने के लिए कहा तो वह झगड़ने लगा। मां ने डांट दिया तो क्रोध में आकर दुपट्टे से मां का गला घोंटने के बाद बेड के अंदर छिपा दिया। स्कूल से लौटने के बाद छोटे बेटे ने मां को खोजा तो बेड के अंदर अंतिम सांस गिनती मिली। आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन कुछ देर इलाज के बाद जिंदगी का किस्सा खत्म हो गया।
छोटे भाई के हिस्से आज बर्तन सफाई थी
रावतपुर निवासी सुभाष सचान मार्केटिंग के सिलसिले में अक्सर परिवार से दूर रहते हैं। आजकल उनका ठिकाना बरेली है। परिवार में पत्नी उर्मिला और दो बेटे सत्यम और अमन हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है, इसके अलावा उर्मिला साइटिका की मरीज है, ऐसे में ज्यादा घरेलू कामकाज निबटाने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में सचान परिवार ने घरेलू कामकाज में मदद के लिए दोनों बेटों को रोस्टर के आधार पर कामकाज बांट रखा था। किसी दिन सत्यम झाड़ू-पोछा करता था तो किसी दिन अमन। इसी प्रकार किसी दिन अमन बर्तन साफ करता था तो किसी दिन सत्यम। मंगलवार को अमन के हिस्से बर्तन सफाई का जिम्मा था। तबीयत खराब होने के कारण सत्यम स्कूल नहीं गया, जबकि देर से जागने के कारण अमन को देर होने लगी तो वह बर्तन साफ किये बगैर केंद्रीय विद्यालय चला गया।
झाड़ू-पोछा के साथ बर्तन सफाई से क्रोध पनपा
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि, सत्यम झाड़ू-पोछा कर चुका था, इसके बाद दोपहर में मम्मी ने खाली बैठा देखकर बर्तन साफ करने के लिए कहा तो वह बहस करने लगा। सत्यम ने बर्तन सफाई को अमन की जिम्मेदारी बताया तो उर्मिला ने याद दिलाया कि तमाम मर्तबा अमन भी उसके हिस्से का काम कर चुका है। बावजूद, सत्यम बहस करता रहा तो उर्मिला ने उसे डांट दिया। नतीजे में सत्यम के क्रोध का ज्वालामुखी फूटा और उसने अपनी मम्मी का गला उनके दुपट्टे से इस कदर कसा कि नाक से खून निकलने लगा और वह अचेत होकर गिर गईं। मां को मरा समझकर सत्यम कुछ देर बदहवाश बैठा रहा, फिर बेड से गद्दा हटाकर खाली किया और उसके अंदर मां को डालकर छिपा दिया।
बेड के अंदर का नजारा देखकर अमन चीखा
देर शाम छोटा बेटा अमन स्कूल से लौटा तो मां नहीं नजर आई। पूछने पर सत्यम इधर-उधर की बात करने लगा। अमन ने घर में खोजा, लेकिन मां नहीं दिखी। इसी दरमियान, बेड के अंदर का सामान बिखरा दिखा तो शक होने पर गद्दा हटाकर बेड खोला तो चीख निकल गई। अंदर मां का शरीर पड़ा था। अमन ने करीब रहने वाले रिश्तेदारों को बुलाकर पुलिस को सूचना भेजी और मां को लेकर रीजेंसी अस्पताल पहुंचा, जहां कुछ देर इलाज के बाद उर्मिला की जिंदगी का सफर थम गया।