
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल Khorramshahr-4 (खुर्रमशहर-4) को युद्ध में झोंक दिया है. इस मिसाइल को ‘खैबर’ नाम भी दिया गया है, जो 7वीं सदी में जीते गए एक यहूदी किले की ओर इशारा करता है. अमेरिकी हमलों के जवाब में जब ईरान ने इजरायल पर जवाबी मिसाइलें दागीं, तब इस मिसाइल की मौजूदगी ने दुनिया को चौंका दिया.
Khorramshahr-4 एक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 2,000 से 2,500 किमी तक वार कर सकती है. इसकी स्पीड Mach 16 तक जा सकती है, और यह एक साथ कई वॉरहेड्स ले जाने की क्षमता रखती है. इसकी सबसे खतरनाक विशेषता है – दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देने की क्षमता और सटीक टारगेट हिट.
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया की Hwasong-10 से प्रेरित है लेकिन उससे कहीं ज्यादा उन्नत और विनाशकारी है. इजरायल के लिए यह मिसाइल अब एक नई चुनौती बनकर उभरी है, जिससे उसका आयरन डोम भी जूझ रहा है.
क्या है Khorramshahr-4 मिसाइल?
- यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है, जिसे ईरान के रक्षा उपक्रम Aerospace Industries Organization (AIO) ने विकसित किया है.
- पहली बार 2017 में इसका परीक्षण हुआ था और 2019 में इसके हल्के संस्करण को सार्वजनिक किया गया.
- इसकी रेंज 2000 से 2500 किमी तक है और यह 1800 किलोग्राम तक के कई वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है.
- यह मिसाइल Mach 16 की स्पीड से वायुमंडल से बाहर और Mach 8 की गति से वापसी करती है.
- अंतिम चरण में इसका वॉरहेड अलग हो जाता है और 80 अलग-अलग लक्ष्यों को एकसाथ भेद सकता है.
- इसकी सटीकता और स्पीड इतनी अधिक है कि इज़राइल के ‘Iron Dome’ जैसे एयर डिफेंस सिस्टम इसे ट्रैक नहीं कर पाते.
- ‘David’s Sling’ या ‘Arrow-3’ सिस्टम भी एक साथ कई वॉरहेड्स से निपटने में मुश्किल झेल सकते हैं.
नाम से जुड़ा ऐतिहासिक संदेश
‘खैबर’ नाम उस यहूदी किले से लिया गया है जिसे सातवीं सदी में मुसलमानों ने फतह किया था. यह नाम आज भी मुस्लिम विश्व में एक शक्ति और ऐतिहासिक विजय का प्रतीक माना जाता है.
Khorramshahr-4 मिसाइल की खासियतें
- मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल – इसकी रेंज 2,000 से 2,500 किमी तक मानी जाती है, जिससे यह पूरे इजरायल को आसानी से टारगेट कर सकती है.
- मल्टीपल वॉरहेड्स – यह एक साथ 80 टारगेट्स पर अटैक कर सकती है. वॉरहेड लास्ट स्टेज में अलग होकर टारगेट को हाई स्पीड से हिट करता है.
- स्पीड – वायुमंडल से बाहर इसकी गति Mach 16 और री-एंट्री के समय Mach 8 तक होती है, जो इसे इंटरसेप्ट करना लगभग असंभव बनाती है.
- अत्याधुनिक गाइडेंस सिस्टम – इसका गाइडेंस इक्विपमेंट मिसाइल के टैंक से अलग सेक्शन में होता है, जिससे सटीकता बढ़ जाती है.
खुर्रमशहर-4 मिसाइल ईरान की सैन्य ताकत और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन चुकी है. यह सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि ईरान के रणनीतिक इरादों और इजरायल-अमेरिका के खिलाफ उसकी जवाबी क्षमता का स्पष्ट संकेत है. इसकी रेंज, गति, और मल्टीपल वॉरहेड ले जाने की क्षमता इसे दुश्मनों के लिए बेहद खतरनाक बनाती है. मौजूदा संघर्ष में इस मिसाइल की तैनाती यह दिखाती है कि मध्य पूर्व में सैन्य संतुलन एक नए और अनिश्चित दौर में प्रवेश कर चुका है.