
भास्कर ब्यूरो
- जिला कारागार प्रशासन ने उच्चाधिकारियों के निर्देश के क्रम में 668 बंदियों की ऑनलाइन फीडिंग का कार्य शुरू
महराजगंज। जिले में अब अपराधियों का रिकार्ड खंगालने के लिए रजिस्टर पलटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एक क्लिक पर बंदी का पूरा आपराधिक इतिहास निकल कर सामने आ जाएगा। इससे पुलिस और जेल प्रशासन को काफी सुविधा मिलेगी। जिला जेल में अपराधियों का डेटा ऑनलाइन फीडिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है।वर्ष 1980 में नाम, पिता का नाम, निवास, पहचान चिन्ह आदि लिखे जाते थे और अपराधियों का केवल अंगूठे का निशान लगता था।
वर्ष 1990 के बाद ब्लैक एंड व्हाइट फोटो लगना शुरू हुआ। बाद में अपराधियों की पहचान, उनके नाम-पता सब लिखा जाने लगा था। अब पिछले कई साल से अपराधियों का रंगीन फोटो रजिस्टर पर चस्पा हो रहा है। उनका पूरा हुलिया और नाम पता सब कुछ दर्ज होता है, लेकिन यह रिकार्ड ऑनलाइन नहीं होता था। जेल में ज्यादा रिकार्ड एकत्र हो जाने की वजह से पिछला रिकार्ड हटा दिया जाता था। जब कभी पुराने रिकार्ड की आवश्यकता पड़ती है तो जेल प्रशासन को खोजबीन में काफी परेशानी होती है।
अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि जेल प्रशासन द्वारा जेल के सभी अपराधियों का डाटा ऑनलाइन अपलोड कराया जा रहा है। इससे एक क्लिक से ही किसी भी अपराधी का पूरा आपराधिक इतिहास खुलकर सामने आ जाएगा। इससे पुलिस व जेल प्रशासन को काफी राहत मिलेगी।
सभी बंदियों का डाटा हो रहा तैयार
महराजगंज जिला कारागार प्रशासन ने उच्चाधिकारियों के निर्देश के क्रम में 668 बंदियों की ऑनलाइन फीडिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक जो बंदी जेल आ रहे थे या आ रहे हैं और अपनी जमानत करवा कर बाहर जा रहे हैं, उनका सारा रिकार्ड रजिस्टर पर दर्ज किया जाता है। अब जेल प्रशासन द्वारा अपराधियों का डाटा ऑनलाइन अपलोड कराया जा रहा है। इसमें अपराधी का रंगीन फोटो, अंगूठा निशानी, हुलिया, नाम पता सबकुछ ऑनलाइन हो जाएगा, जिसे कभी भी कहीं से भी देखा जा सकता है। अपराधी के खिलाफ कितने मुकदमे दर्ज हैं, वह कब तक जेल में रहा, कब जमानत हुई। सारा रिकार्ड एक क्लिक पर प्राप्त हो जाएगा।