
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बलिदान दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।
65 साल बाद पूरा हुआ ‘एक देश’ का सपना: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश, एक संविधान, एक प्रधान का जो सपना देखा था, उसे साकार होने में 65 वर्ष लग गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को खत्म कर वह ऐतिहासिक कार्य किया गया, जो डॉ. मुखर्जी के विचारों को सच्ची श्रद्धांजलि है।”
डॉ. मुखर्जी का बलिदान बना प्रेरणा स्रोत
सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में मंत्री रहते हुए भी डॉ. मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता से समझौता नहीं किया और नेहरू सरकार से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 का प्रबल विरोध किया। “एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे” के नारे के साथ वे कश्मीर गए, जहां गिरफ्तारी के बाद जेल में उनका बलिदान हुआ।
“उनका यह बलिदान आज भी हमें राष्ट्रहित में निडर होकर खड़े रहने की प्रेरणा देता है,” सीएम ने कहा।
भाजपा नेताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित
इस मौके पर कई वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों ने भी डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, विधायक डॉ. नीरज बोरा, और विधायक योगेश शुक्ला सहित कई जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद रहे।
तीन प्रमुख आयोजनों की बनी योजना
बलिदान दिवस के अवसर पर शनिवार को भाजपा महानगर कार्यालय, कैसरबाग में एक वर्चुअल बैठक का आयोजन हुआ। इसमें आने वाले तीन महत्वपूर्ण आयोजनों की रूपरेखा तय की गई:
- 23 जून : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस
- 25 जून : आपातकाल स्मृति दिवस
- 29 जून : ‘मन की बात’ व जनसंपर्क अभियान
बैठक में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, वरिष्ठ नेता नीरज सिंह और वर्चुअल संचालन प्रभारी प्रवीण गर्ग समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।