
पिछले हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी। बीएसई सेंसेक्स 1,046.30 अंक या 1.29% की बढ़त के साथ 82,408.17 पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई निफ्टी 319.15 अंक या 1.29% उछलकर 25,112.40 पर बंद हुआ था। लेकिन इस तेजी के बाद नए सप्ताह की शुरुआत नकारात्मक संकेतों के साथ हुई है।
अमेरिका-ईरान तनाव के असर से बाजार में गिरावट
सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर बमबारी करने के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला।
बीएसई सेंसेक्स 705.65 अंक गिरकर 81,702.52 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 182.85 अंक फिसलकर 24,929.55 पर आ गया।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का मानना है कि, “अमेरिका की इस कार्रवाई ने पश्चिम एशिया में अनिश्चितता जरूर बढ़ाई है, लेकिन इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर सीमित रहेगा। हालांकि होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की आशंका बनी हुई है, परंतु अब तक यह केवल एक सैद्धांतिक खतरा ही रहा है, व्यावहारिक रूप से कभी यह बंद नहीं हुआ है।”
किन शेयरों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?
सेंसेक्स की 30 में से कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। इंफोसिस, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड और इटरनल के शेयरों में सबसे ज्यादा कमजोरी आई।
हालांकि शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में भरोसा जताते हुए 7,940.70 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
वैश्विक संकेत भी कमजोर
एशियाई बाजारों से भी कमजोर संकेत मिल रहे हैं। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि शंघाई का एसएसई कंपोजिट थोड़ा हरे निशान में है।
वहीं, शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी दबाव में रहे और अधिकांश प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
कच्चे तेल की कीमत में उछाल
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी गई है। ब्रेंट क्रूड 1.69% बढ़कर 78.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जो भारत जैसे आयातक देशों के लिए चिंता का कारण हो सकता है।