यूपी के पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा ‘हुनर हाथ’ प्रोजेक्ट

  • युवाओं को दक्ष बनाने के लिए सरकार ने बनाई योजना, घरेलू सेवाओं में मिल सकेगा रोजगार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के युवाओं ‘हुनर हाथ’ से दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत पांच जिलों में की जाएगी, जिसका उद्देश्य कौशल के साथ रोजगार और समाज को विश्वसनीय सेवाएं उपलब्ध कराना है।

‘हुनर हाथ’ योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं को खाना बनाना, घर की सफाई, देखभाल, घरेलू उपकरणों का रखरखाव जैसी सेवाओं में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण आवासीय एवं अनावासीय दोनों रूपों में होगा। इसके अंतर्गत सरकारी एवं निजी प्रशिक्षण संस्थानों की साझेदारी से योजना को क्रियान्वित किया जाएगा। युवाओं को एक डिजिटल पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जहां से आम नागरिक उनकी सेवाएं ले सकेंगे।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम के समक्ष अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह द्वारा इस महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तार से प्रस्तुति दी गई। प्रिया सिंह ने बताया कि ‘हुनर हाथ’ के माध्यम से घरेलू जरूरतों की पूर्ति के लिए प्रशिक्षित युवाओं का एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जिससे जनसामान्य को योग्य और कुशल सेवा प्रदाता सरलता से उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक चरण में इस योजना को पांच जिलों में लागू किया जाएगा, जहां चयनित युवाओं को घरेलू सहायकों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन युवाओं को भोजन पकाने, घर की साफ-सफाई, देखभाल सेवाएं, घरेलू उपकरणों का सामान्य रख-रखाव आदि घरेलू आवश्यकताओं से संबंधित विशिष्ट कौशल सिखाए जाएंगे। इस प्रशिक्षण में पब्लिक और प्राइवेट ट्रेनिंग पार्टनर के सहयोग से आवासीय एवं अनावासीय दोनों प्रकार की प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कहा कि ‘हुनर हाथ’ योजना न केवल युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि समाज की घरेलू स्तर की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी एक भरोसेमंद सेवा नेटवर्क तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं की जानकारी एक केंद्रीकृत ‘हुनर हाथ’ पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, जिससे कोई भी नागरिक अपनी आवश्यकतानुसार स्थानीय स्तर पर इन प्रशिक्षित युवाओं की सेवाएं प्राप्त कर सकेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने निर्देश दिए कि इस योजना में प्रशिक्षित युवाओं का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाए और पोर्टल पर सेवाओं को वर्गीकृत करते हुए जनसामान्य के लिए सुलभ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं सेवा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि इस योजना को प्रदेश में एक मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सके। बैठक में मिशन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने परियोजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए अपने सुझाव दिए।

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