
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की हालिया यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि भारत की समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का भी एक सशक्त उदाहरण बनी। इस यात्रा में उन्होंने जिन नेताओं से मुलाकात की, उन्हें भारत की पारंपरिक कलाओं से जुड़े उपहार भेंट किए, जो न केवल सौंदर्य में अद्वितीय हैं, बल्कि हर उपहार के पीछे एक सांस्कृतिक संदेश भी छिपा है।
साइप्रस के राष्ट्रपति को भेंट की गई कश्मीरी सिल्क कालीन
पीएम मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस को एक गहरे लाल रंग की कश्मीरी सिल्क कालीन उपहार में दी। इस कालीन में हल्के पीले व लाल बॉर्डर के साथ पारंपरिक बेल और ज्यामितीय आकृतियाँ हैं, जो देखने के कोण के अनुसार रंग बदलती हैं। यह कालीन कश्मीर की महीन हस्तकला का उदाहरण है।
कनाडा में उपहारों की बहार: सांस्कृतिक विविधता की झलक
- प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को भेंट किया गया पीतल का बोधि वृक्ष, जो बिहार के बोधगया से जुड़ी बौद्ध परंपरा और ज्ञान का प्रतीक है।
- गवर्नर जनरल मैरी साइमन को भेंट में मिला ओडिशा का सिल्वर फिलिग्री क्लच पर्स, जो कटक की 500 साल पुरानी ‘तारकासी’ कला का प्रतीक है।
- अल्बर्टा की प्रीमियर डेनियल स्मिथ को उपहार मिला जाली वर्क वाला आबनूस लकड़ी का बॉक्स, जिसमें मोर की पेंटिंग और सिल्वर इनले वर्क शामिल है।
- अल्बर्टा की लेफ्टिनेंट गवर्नर सलमा लखानी को भेंट किया गया कश्मीरी पेपर माचे बॉक्स – रंग-बिरंगे चिनार पत्तों और फूलों से सजी यह शिल्पकृति स्थानीय कलाकारों की महीन कारीगरी दिखाती है।
क्रोएशिया: ओडिशा से राजस्थान तक की कारीगरी की झलक
- राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच को भेंट में मिली पट्टचित्र पेंटिंग, जिसमें भगवान कृष्ण और जगन्नाथ परंपरा के दृश्य कपड़े पर उकेरे गए हैं।
- प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच को उपहार मिला राजस्थान का सिल्वर कैंडल स्टैंड, जो वहां की धातु कला का बेजोड़ उदाहरण है।
जी-7 में और भी खास तोहफे: हर उपहार, एक कहानी
- मैक्रों को मिला डोकरा नंदी, जो तमिलनाडु की पारंपरिक धातु कला और आध्यात्मिक प्रतीक का मिश्रण है।
- फ्रेडरिक मर्ज को मिला कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिए की बलुआ पत्थर की प्रतिकृति, जो समय और ब्रह्मांड के चक्र का प्रतीक है।
- एंथनी अल्बानीज़ को भेंट किया गया कोल्हापुरी सिल्वर पॉट, जो महाराष्ट्र की पारंपरिक चांदी की कला से जुड़ा है।
- लुईज लूला दा सिल्वा को दी गई हंस की मूर्ति के साथ बेंत और बांस की नाव, मेघालय की टिकाऊ और सुंदर शिल्पकला का उदाहरण।
- सिरिल रामफोसा को मिला डोकरा घोड़ा, जो छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपरा से प्रेरित है और शक्ति, भक्ति का प्रतीक है।
- ली जे-म्यांग को भेंट की मधुबनी पेंटिंग, जो बिहार की मिथिला कला को दर्शाती है – प्रेम, प्रकृति और भक्ति से ओतप्रोत।
- क्लाउडिया शिनबाम को दी गई वारली पेंटिंग, महाराष्ट्र की एक प्राचीन आदिवासी शैली जो जीवन के सरल दृश्य और एकता को दर्शाती है।
संस्कृति से कूटनीति की ओर: उपहारों में छिपी भारत की विश्व दृष्टि
पीएम मोदी के ये उपहार केवल शिष्टाचार की वस्तुएँ नहीं, बल्कि भारत की “सांस्कृतिक कूटनीति” का विस्तार हैं। हर उपहार के पीछे एक लोकल शिल्प, एक परंपरा और एक कहानी है – और यही “वसुधैव कुटुम्बकम्” के भाव को साकार करता है।