जंग के साए में ज़िंदगी : ईरान से निकाले गए छात्रों ने बताई डरावनी हकीकत

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ चलाया है। इसमें  अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। इस अभियान के पहले चरण में, 110 भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से सफलतापूर्वक निकाला गया। गुरुवार की सुबह एक विशेष विमान से उन्हें नई दिल्ली लाया गया। इनमें से 90 से 94 छात्र जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। वहां से लौटे छात्रों में अपना डर और वहां के हालातों के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार का आभार जताया है। वहीं केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अभी ऑपरेशन सिंधु के तहत और विमानों को भेजने की बात कही है।

तेहरान से निकाले छात्रों को पहले आर्मेनिया पहुंचाया गया। भारतीय दूतावास ने मंगलवार को 110 छात्रों को सुरक्षित रूप से आर्मेनिया में प्रवेश कराने में सहायता की। आर्मेनियाई राजधानी येरेवन तक उन्हें सड़क मार्ग से पहुंचाया गया। इसके बाद विशेष इंडिगो उड़ान (6ई 9487) से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर लाया गया।

ऑपरेशन सिंधु अभी जारी है

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दिल्ली हवाई अड्डे पर छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि हमारे विमान ऑपरेशन सिंधु के लिए तैयार हैं। हम आज एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से भी कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। निकासी अनुरोध के लिए हमारे दूतावास से 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है। जैसे-जैसे स्थिति बदलेगी, हम भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और विमान भेजेंगे। उन्होंने तुर्कमेनिस्तान और आर्मेनिया की सरकारों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

डर और राहत वाला छात्रों का अनुभव

ईरान से लौटे छात्रों ने वहां के भयावह हालात बयां किए। कश्मीर की छात्रा वर्ता ने बताया कि हम पहले हैं जिन्हें ईरान से निकाला गया है। स्थिति काफी गंभीर थी। हम डरे हुए थे। हमारे पड़ोस में ही हमला हुआ था। जब भारत सरकार से संपर्क हुआ तो हमने राहत की सांस ली। वहीं एक अन्य छात्र खलीफ ने कहा कि हमने मिसाइल गिरती हुई देखीं। युद्ध जारी था। हमारे पड़ोस में बमबारी की गई। हम बेहद डर गए थे। मुझे उम्मीद है कि हमें ऐसे दिन फिर कभी नहीं देखने पड़ेंगे।

घर वापसी की व्यवस्था

दिल्ली पहुंचे छात्रों के अभिभावक हवाई अड्डे पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने भारत सरकार को अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने भी निकासी अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया और शेष छात्रों को जल्द से जल्द निकालने की उम्मीद जताई।

जम्मू-कश्मीर सरकार अब ईरान से लौटे अपने नागरिकों को घर पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ईरान से लौटे छात्रों को दिल्ली से केंद्र शासित प्रदेश तक लाने के लिए जम्मू-कश्मीर सड़क परिवहन निगम की डीलक्स बसों की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है। 

अलर्ट पर रहती है भारत सरकार

जब भी दुनिया के किसी कोने में ऐसे हालात बनते हैं भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए सजग होती है। इससे पहले भी रूस और यूक्रेन में शुरू हुए जंग के बीच अपने छात्रों को मोदी सरकार ने रेस्क्यू किया था। सबसे बड़ी बात कि भारत सरकार के ऑपरेशन के लिए रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने सहयोग किया था। अब एक बार फिर से इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए तनाव में भारत ने अपने ऑपरेशन सिंधु के जरिए अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है।

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